औरंगबाद (Dinanath Mouar) शनिवार को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने दाउदनगर थाना कांड संख्या 133/ 2000 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए चार अभियुक्तों को सज़ा सुनाई है. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि भादंवि धारा 302/ 34 में अभियुक्त नरेश पासवान, दिनेश पासवान, सम्परीया देवी, सरस्वती देवी करमाही दाउदनगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वही सभी को बीस हजार जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी.
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अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि चारों अभियुक्तों को चार दिन पहले निर्णय पर दोषी ठहराया गया था और जेल भेज दिया गया था, प्राथमिकी 09/ 08/ 2000 को मृतक राधाकिशुन के भतिजा रितेश कुमार ने दाउदनगर थाने में दर्ज कराया था. जिसमें कहा था कि मेरे चाचा करमाही रिश्तेदारी में आते- जाते रहते थे, मगर किसी बात को लेकर अभियुक्तों ने रात्रि में चोर- चोर हल्ला कर लाठी- खंती, फरसा से हमला कर दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी.
अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी के अन्य दो अभियुक्त परमेश्वर पासवान और भुवनेश्वर पासवान की मृत्यु हो चुकी है, चारों अभियुक्तों को तेईस साल बाद सज़ा सुनाये जाने के बाद परिजनों ने संतोष ब्यक्त किया है,
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Reporter for Industrial Area Adityapur