औरंगाबाद/ Dinanath Mouar प्रदेश में अभी तीन दिवसीय बिहार महोत्सव मन रहा है. राजधानी पटना से लेकर जिलो तक उत्सव की धूम है. औरंगाबाद में भी माहौल उत्सवी है. इसी उत्सवी माहौल में औरंगाबाद जिला प्रशासन ने शहर के नगर भवन में बिहार दिवस समारोह आयोजित किया था.
कार्यक्रम में कई क्षेत्रीय एवं स्थानीय कलाकार बढ़- चढ़कर अपनी प्रस्तुति दे रहे थे. दर्शक जमकर गीत- संगीत का लुत्फ उठा रहे थे, लेकिन गजब तो तब हो गया जब एक सुरीले भोजपुरी गीत पर भोलेशंकर तथा उनकी सवारी नंदी भी खुद को नही रोक सके. दोनो ने जमकर ठुमके लगाए. अब तांडव के देव शंकर और उनकी सवारी नंदी के डांस पर सवाल उठ रहे है.आपत्ति इस बात पर की जा रही है कि भोले शंकर और नंदी अगर साथ में डांस करते तो गलत नही होता, लेकिन दोनो से भोजपुरी गीत पर ठुमका लगवा देना उचित नही है.
ऐसा कर आस्था को चोट पहुंचाई गई है. धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है. वही इसे लेकर कई तरह की बातें भी चर्चा में है. किसी ने इसे लुत्फ उठाने के नजरिए से देखा तो किसी ने अपने इष्ट महादेव के नजरिए से देखा. यह दृश्य लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग कलाकारो के महादेव तथा नंदी के रूप में आकर स्टेज पर ठुमके लगाने को कहीं से भी उचित नहीं ठहरा रहे है. इनका कहना है कि महादेव अपने तांडव नृत्य के लिए जाने जाते हैं. अगर उनकी वेशभूषा बनाकर कोई भी कलाकार इस तरह की प्रस्तुति देता है तो वह घोर निंदनीय है क्योंकि महादेव हिंदुस्तान के आराध्य देव है और उनकी छवि बनाकर अगर कलाकार डिस्को डांस करे तो यह कही से भी उचित नहीं दिखता है. इसे लेकर कई महादेव भक्तो ने भी नाराजगी व्यक्त की है और जिला प्रसासन से इस तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है.
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