अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात सेना के जवान मनोहर कुंकल का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चाईबासा पहुंचा. जहां भाजपाइयों और स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की गई. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही शहीद के जयकारे का नारा लगाने लगे. वही उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए शहीद के पैतृक गांव मंझारी ले जाया गया है, जहां उन्हें राजकीय सम्मन के साथ पंचतत्व में विलीन किया जाएगा.
मनोहर कुंकल वैसे जमशेदपुर सोनारी के रहने वाले थे, लेकिन इनका गांव चाईबासा के मंझारी में स्थित है. जवान मनोहर की मृत्यु होने की खबर पाकर पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. मंझारी प्रखंड के दोकट्टा गांव के टोला गोरेयाबासा का लाल मनोहर कुंकल के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने का इंतजार पथराई आंखों से कर रहे थे. मनोहर की बड़ी पत्नी सुनीता कुंकल का रो रोकर बुरा हाल है. गुरुवार को दोपहर तक कहीं से कोई सूचना नहीं मिल रही थी. शाम को शव के रांची पहुंचने के बाद पता चला कि रात हो जाने के कारण अब शुक्रवार को पार्थिव शरीर गोरेयाबासा पहुंचेगा. मनोहर के मृत्यु की जानकारी मिलने पर आस पड़ोस के क्षेत्र के लोग गांव पहुंचने लगे हैं. सभी लोग शव के आने का इंतजार कर रहे थे. ग्रामीण मुंडा रमेश कुंकल मनोहर के घर पहुंचे. काफी देर तक परिजनों से बातचीत करते हुए घंटों डटे रहे. मनोहर की बड़ी पत्नी सुनीता कुंकल ने बताया कि 24 तारीख की रात करीब 10 बजे उसकी ननद मुनि सावैया ने उसके ससुराल डोबरोबासा गांव से आकर उसे बताया कि उसके पति मनोहर का निधन हो गया. इसकी खबर सुनते ही पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया. मुनि ने बताया कि जमशेदपुर में रह रही मनोहर की दूसरी पत्नी शोभा कुंकल ने रात करीब 9 बजे फोन कर इसकी खबर दी थी. क्योंकि गोरेयाबासा में मोबाइल का नेटवर्क सही नहीं रहने के कारण सुनीता कुंकल से संपर्क नहीं हो पा रहा था. पत्नी सुनीता कुंकल ने बताया रक्षाबंधन के 2 दिन पहले पति मनोहर से बात हुई थी. उस समय मनोहर ने बताया था छुट्टी मिलते ही हम गांव जाएंगे. इसके बाद से ही पत्नी उसके आने के इंतजार में थी लेकिन अब सुनने को मिल रहा है पति का पार्थिव शरीर आ रहा है
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