आदित्यपुर: नगर निगम के अंतर्गत रहने वाले लोगों की जेब ढीली होने वाली है. यहां के लोगों को तीन गुणा होल्डिंग टैक्स के अलावा अब ठोस अपशिष्ठ संग्रहण के लिए मासिक शुल्क देना होगा. आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने अपशिष्ठ संग्रहण करने वाली कंपनी क्यूब आदित्यपुर वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को शुल्क लेने की अनुमति प्रदान की है. इसको लेकर नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने एक आदेश भी जारी किया है.
एजेंसी ने घर- घर से प्रत्येक दिन अपशिष्ठ संग्रहण के लिए निर्धारित सेवा शुल्क लेने की अनुमति के लिए आवेदन दिया था. आवेदन को स्वीकार करते हुए कंपनी को मासिक ₹20से ₹80 तक शुल्क संग्रहण करने की अनुमति आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत प्रदान की गई है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि मासिक शुल्क संग्रहण के उपरांत प्रत्येक माह के अंत में जमा की गयी राशि की विवरणी नगर निगम को पत्र के माध्यम से देना होगा.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
यह जनता के लिए अतिरिक्त भार होगा नगर निगम इसे वापस ले: ओमप्रकाश
इस संबंध में अधिवक्ता सह जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह का टैक्स जनता के लिए अतिरिक्त भार होगा. होल्डिंग टैक्स में हर तरह का चार्ज निहित रहता है. कचरा प्रबंधन का कोई मुकम्मल प्रबंध नहीं है बावजूद इसके फिफ्थ शेड्यूल एरिया से अनावश्यक टैक्स वसूलना गलत है. नगर निगम प्रशासन ऐसे आदेश को अविलंब निरस्त करे अन्यथा कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.
बगैर सुविधा के शुल्क वसूली का आदेश गलत: पुरेन्द्र
आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने उक्त टैक्स को गतल बताया. उन्होंने कहा कि जितने संसाधन के साथ नगर निगम क्षेत्र में काम हो रहा है वो नाकाफी है. टैक्स लेना गलत नहीं है मगर उस हिसाब से सुविधा भी मिले.
जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी में नगर निगम जारी कर रहा तुगलकी फरमान: रंजन
आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 18 के पूर्व पार्षद रंजन सिंह ने इसे नगर निगम का तुगलकी फरमान बताया. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि विहीन नगर निगम इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर जनता को परेशान कर रही है. समूचे वार्ड में गंदगी का अंबार रहता है. हफ्तों कचरा गाड़ी नहीं आती है. ऐसे में अलग से टैक्स वसूलने का फरमान जारी करना गलत है. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
बेतुका और जनता को परेशान करने वाला आदेश: नीतू शर्मा
वार्ड 17 की पूर्व पार्षद नीतू शर्मा ने नगर निगम के इस फरमान को बेतुका और जनता को परेशान करने वाला आदेश बताया. उन्होंने कहा कि आज भी कई ऐसे जगह है जहां महीनों कचरा उठाव नहीं हो रहा है. डोर- टू- डोर तो दूर की बात है, मोहल्ले में भी नियमित रूप से साफ- सफाई नहीं हो रही है. ऐसे में नगर निगम का यह फरमान बेतुका और निराधार है. इसे अविलंब वापस लेने की जरूरत है.
किसी कीमत पर नहीं दिया जाएगा शुल्क; होगा पुरजोर विरोध: अभिजीत महतो
इस मामले को लेकर वार्ड 2 के पूर्व पार्षद अभिजीत महतो ने बताया कि किसी कीमत पर नगर निगम को यह शुल्क वसूलने नहीं दिया जाएगा. हमने अपने वार्ड की जनता को अतिरिक्त टैक्स देने से मना कर दिया है. जब होल्डिंग टैक्स दिया जा रहा है तो कचरा उठाव के लिए अतिरिक्त टैक्स क्यों दिया जाए ? उन्होंने बताया कि नियमित रूप से साफ- सफाई वार्ड में नहीं हो रही है. ऐसे में अतिरिक्त शुल्क जनता पर अतिरिक्त भार होगा. आचार संहिता लगा हुआ है इस वजह से हम विरोध नहीं कर पा रहे हैं. जैसे ही आचार संहिता समाप्त होगा इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा. नगर निगम अविलंब इसे वापस ले अन्यथा पुरजोर विरोध किया जाएगा.
होल्डिंग टैक्स जब लिया जा रहा है तो सफाई शुल्क क्यों: ममता बेज
वार्ड 6 की पूर्व पार्षद ममता बेज ने भी अलग से सफाई शुल्क लेने के आदेश का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जब जनता होल्डिंग टैक्स दे रही है तब अलग से सफाई टैक्स वसूलने का आदेश गलत है. इसका विरोध होना चाहिए.
गरीबों के लिए टैक्स माफी बजाए अलग से शुल्क वसूलना गलत: धीरेन महतो
वार्ड 24 के पूर्व पार्षद धीरेन महतो ने बताया कि स्लम एरिया में रह रहे लोगों को टैक्स में रियायत देने के बजाए अलग से सफाई शुल्क वसूलने का आदेश गलत है. वार्ड में नियमित रूप से कचरा उठाव नहीं हो रहा है. डोर- टू- डोर तो दूर की बात है नियमित रूप से पहले कचरा उठाव और प्रबंधन की व्यवस्था होनी चाहिए.
लेटर में हैंड बिल के जरिये टैक्स वसूली भ्रष्टाचार को बढ़ावा: अजीत सिंह डोभाल
आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 19 निवासी अजीत सिंह डोभाल ने नगर निगम के इस फरमान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नगर निगम द्वारा यह पत्र एजेंसी को जारी किया गया है . एजेंसी रसीद छपवाकर कर डोर टू डोर ₹50 मांग रही है कैश में . जबकि पत्र में कहीं भी राशि का जिक्र नहीं है. ना ही नगर निगम के डिजिटल पेमेंट का क्यूआर कोड है . नगर निगम को अगर ₹50 कचरा उठाव के लिए अलग से पैसा चाहिए तो उसे राशि को होल्डिंग टैक्स के में जोड देना चाहिए, नगर निगम या सरकार की ओर से अलग से टैक्स लेने का न कोई आदेश दिया गया है न किसी भी तरह का इसमें कोई विज्ञापन या अनाउंसमेंट नहीं किया गया है. जो कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. नगर निगम को कारण बताने चाहिए कि क्यों कचरा उठाव के लिए अलग से टैक्स दिया जाए.
क्या कहना है प्रशासक का
वहीं इस मामले पर आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने बताया कि डोर टू डोर कचरा उठाव सरकारी दर से लिया जाना है. एलआईजी कैटेगरी के लिए ₹20, एमआईजी कैटगरी के लिए ₹50, और एचआईजी कैटेगरी के लोगों के लिए ₹80 निर्धारित किया गया है. होल्डिंग टैक्स में यूजर चार्ज शामिल नहीं है.