आदित्यपुर: सोमवार को एकबार फिर से मंगलम टॉवर से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान दंडाधिकारी के रूप में गम्हरिया अंचल निरीक्षक मनोज कुमार सिंह एवं कर्मचारी राजेश पंडित के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे. बता दें कि इससे पूर्व एक जून को अंचल प्रशासन की ओर से मंगलम टॉवर के प्रोपराइटर द्वरा अनाबाद बिहार सरकार अब झारखंड सरकार के आसंगी मौजा के खाता नम्बर 178 के करीब 2.03 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की कवायद की गयी थी.
इस दौरान बुलडोजर ने मंगलम सिटी का मुख्य प्रवेश द्वार को ढाया था. उसके बाद दाएं तरफ के बाउंड्री वॉल को ढाहने के बाद जैसे ही बायीं ओर का रुख बुलडोजर ने किया, सोसायटी वासियों का विरोध शुरू हो गया था. विरोध को देखते हुए उस वक्त अभियान को रोक दिया गया था.
मंगलम का पिछला बाउंड्री तोड़ता अंचल का बुलडोजर
बता दें कि इस अभियान के तहत कुल 2.03 एकड़ भू-भाग को अतिक्रमण मुक्त कराना था, मगर महज 1.5 एकड़ जमीन को ही अतिक्रमण मुक्त कराया जा सका था. इस अभियान का केंद्र बिंदु मंगलम सिटी का कार्यालय था.
मंगलम के पिछले बाउंड्री से सटा नीले रंग का गेट लगा तीन एकड़ भूखंड जिसका भू माफियाओं ने किया है अतिक्रमण
सोमवार को एकबार फिर से मंगलम के पिछले हिस्से को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. बता दें कि मंगलम डेवलपर्स एंड प्रमोटर्स मशहूर बिल्डर सौरभ अग्रवाल द्वारा डेवलप किया गया एक हाई प्रोफाइल सोसाइटी है. जिसमें सैकड़ों आवासीय परिसर हैं, जिसमें क्षेत्र के रईस लोगों का आशियाना है. बिल्डर द्वारा फर्जी तरीके से सरकारी तालाब का अतिक्रमण कर लिया गया और उसे ऊंचे दामों बेच दिया गया है. पूरी कार्रवाई के दौरान बिल्डर नदारद रहे. बताया गया कि अगली कार्रवाई में कार्यालय को तोड़ा जाएगा.
सोसायटी के लोगों ने फिर किया विरोध
सोमवार को जैसे ही आंचल प्रशासन की कार्रवाई शुरू हुई सोसाइटी वासियों का विरोध शुरू हो गया. मगर पुलिस की मौजूदगी में अंचल का बुलडोजर अपना काम करती रही, हालांकि अधिक विरोध देखते हुए आंचल प्रशासन ने आज का काम रोक दिया. लोगों का कहना था कि इससे पूरी सोसाइटी असुरक्षित हो जाएगी.
अंचल की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
वैसे कार्रवाई के दौरान आंचल प्रशासन का एक आंख में काजल एक आंख में सुरमा वाला कहावत सामने आया. जहां आसंगी मौजा के ही खाता नंबर 187 प्लॉट नम्बर 88, 93, 84 एवं 96 (करीब तीन एकड़) जमीन में हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अंचल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई जो लोगों के लिए चर्चा का विषय बना रहा. बता दें कि उक्त भूखंड को बिल्डर रितेश भालोटिया द्वारा अतिक्रमण किया गया है.