आदित्यपुर: नगर निगम वार्ड 30 स्थित जागृति मैदान का चारों तरफ से अतिक्रमण का खेल जोर- शोर से जारी है. इसको लेकर सभी मौन हैं. आरआईटी थाने से सटे उक्त मैदान में धड़ल्ले से ट्रेडर्स अपने व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं. ठेला- खोमचा और रेहड़ी वालों के साथ कसाईयों ने पूरी तरह से अपना कब्ज़ा जमा लिया है. इन्हें रोकने- टोकने वाला कोई नहीं रह गया है.
मंत्री चंपई- बन्ना भूले वायदे, जनता पूछ रही है कहां गया मंत्री जी का वायदा
बता दें कि उक्त मैदान में नगर निगम का हाइटेक कार्यालय पास हुआ था, मगर आदित्यपुर- गम्हरिया विकास समिति, जनकल्याण मोर्चा, इंवायरमेंट प्रोटेक्शन फोरम सहित करीब दो तिहाई पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय का विरोध शुरू कर दिया. इसको लेकर हंगामा इस कदर बरपा कि मंत्री चंपई सोरेन और बन्ना गुप्ता को को सामने आना पड़ा और यह कहना पड़ा कि उक्त मैदान में नगर निगम का कार्यालय नहीं बनेगा बल्कि इसे खेल के मैदान के रूप में विकसित किया जायेगा. इसका क्षेत्र के लोगों ने खूब जश्न मनाया. तब मंत्रियों ने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिलाया था कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार महीने के भीतर जागृति मैदान को खेल के मैदान के रूप में विकसित किया जाएगा. मंत्री चम्पई सोरेन ने उक्त मैदान को स्टेडियम में रूप में विकसित किये जाने की बात कही थी. मगर आज हालात बद से बदतर हो चुकी है. मैदान का चारों ओर से अतिक्रमण जारी है.
स्थानीय जनप्रतिनिधि जहां इसे कूटनीतिक जीत मान रहे हैं,आज उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है. कुछ पार्षद पर्दे के पीछे से विरोधियों का समर्थन कर रहे थे उन्हें भी आत्ममंथन करनी चाहिए. विरोध का नतीजा ऐसा हुआ कि आज तक योजना अधर में लटका हुआ है. यह पहला मौका है, जब नगर निगम के पास फंड रहते उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. न तो नए भवन के लिए जमीन मिल सका, न ही टाउन हॉल के लिए. लोग दबी जुबान से चुनाव के वक्त इसका हिसाब चुकता करने की बात करते सुने जा रहे हैं.