आदित्यपुर: नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद नेता पुरेन्द्र नारायण सिंह की पहल पर ईएसआईसी अस्पताल में डायलसिस की सेवा देनेवाली एजेंसी नेफ्रो प्लस को एक महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है. पुरेन्द्र नारायण ने बताया कि उन्हें भरोसा है कि भारत सरकार ईएसआईसी के बीमितों के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द ही स्थायी सामाधन निकालेगी.
आपको बता दें कि पूर्व से ईएसआईसी आदित्यपुर इकाई में गंभीर मरीजों के लिए रेफरल की सेवा बंद होने के बाद मंगलवार से डायलसिस सेवा भी बंद कर दी गयी थी. इसको लेकर डायलिसिस करानेवाले मरीजों के परिजनों ने पुरेन्द्र से मुलाकात कर सामाधन दिलाने की मांग की थी. इसपर पुरेन्द्र ने उपायुक्त और सिविल सर्जन से बात कर मामले की गंभीरता से अवगत कराया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त ने संबंधित मंत्रालय से संपर्क साधा और बुधवार से पुनः नेफ्रो प्लस को एक महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है.
बता दें कि आदित्यपुर ईएसआईसी में 80 हजार बीमित कामगार है. इनमें 70 मरीजों को हर महीने डायलियस की जरूरत पड़ती है. महीने में इन्हें 12 डायलियस कराने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए बाहर उन्हें औसतन 26 हजार चुकाने पड़ेंगे. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि 25 हजार से भी कम वेतन पानेवाले मजदूर हर महीने 26 हजार डायलियस के कहां से भर पाएंगे. विदित हो कि साल 2020 से यहां के गम्भीर रोग से ग्रसित मरीजों का रेफरल भी बंद कर दिया गया है. जबकि करोड़ों रुपए कर्मचारी राज्य बीमा निगम में प्रतिमाह कामगार भरते है. केंद्र सरकार के योजना से संचालित यह अस्पताल प्रधानमंत्री के गारंटी की हकीकत बयां कर रहा है. वैसे पुरेन्द्र के प्रयास से फिलहाल अस्थायी सामाधन जरूर निकल गया है, मगर एक महीने बाद यदि इस मामले पर केंद्र सरकार गंभीरता नहीं दिखाती है तो आनेवाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे.