आदित्यपुर: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 20 में विभाग को गुमराह कर गलत तरीके से सरकारी शराब का ठेका लेना ठेकेदार को महंगा पड़ गया है. जहां बस्ती वासियों के आक्रोश के आगे आबकारी विभाग को झुकना पड़ा और अंततः विभागीय आदेश के बाद सरकारी शराब दुकान का ठेका निरस्त करना पड़ा. इससे बस्ती वासियों में हर्ष व्याप्त है.
बता दें कि आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड संख्या 20 स्थित आदित्यपुर थाना से सटे दिन्दली बाजार में गलत जानकारी देकर ठेकेदार द्वारा सरकारी शराब बेचने का लाइसेंस हासिल कर लिया गया था. बस्ती वासियों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए स्थानीय पुलिस से लेकर उपायुक्त तक फरियाद लगाई थी. जिसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर बस्ती वासियों के विरोध को देखते हुए आबकारी विभाग ने लाइसेंस निरस्त कर दिया है. कल तक जिस दुकान दुकान से शराब की महक आती थी, अब उस दुकान से चिप्स, कुरकुरे, बिस्किट मिक्सचर और चनाचूर की खुशबू आने लगी है. जिससे बस्ती वासियों ने राहत की सांस ली है. बस्ती वासियों के अनुसार जिस जगह विभाग ने शराब बेचने का ठेका दिया था, वह इलाका पहले से ही ब्राउन शुगर को लेकर कुख्यात है. ऐसे में शराब का ठेका देकर विभाग क्षेत्र के युवा पीढ़ी को तबाह करने में जुटी थी. हालांकि इसके लिए बस्ती वासी ठेकेदार को जिम्मेदार मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने विभाग को गलत जानकारी देकर शराब का ठेका लिया था. बस्ती वासियों ने बताया, कि जहां शराब का ठेका लिया गया था, वहां घनी आबादी निवास करती है. जहां से 100 मीटर की दूरी पर मंदिर और कन्या मध्य विद्यालय के अलावा एक बड़ा दैनिक मार्केट है.जहां महिला- पुरुष एवं बच्चियों का आना- जाना होता है. बता दें कि बस्तीवासियों के आवेदन पर थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने भी विभाग को मामले की गंभीरता से अवगत कराया था.