SARAIKELA DESK सरायकेला- खारसावां जिला अपने आप में अनोखा जिला है. यहां मुख्यमंत्री पर चप्पल उछाले जाते हैं, चोरी के आरोपी तबरेज की भीड़ द्वारा पिटाई से मौत पर धनवर्षा होती है, और एक साथ छः- छः युवकों के मौत पर परिजनों को महज सांत्वना नसीब होता है.
आपको याद दिला दें कि साल 2017 के पहली जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास शहीद दिवस के मौके पर खारसावां शहीद स्थल पहुंचे थे. जहां सीएनटी/ एसपीटी एक्ट संशोधन मामले को लेकर आदिवासी समाज के लोगों में घोर नाराजगी थी. जहां पूर्व प्लान के तहत रघुवर दास पर चप्पल- जूते उछाले गए थे. छः साल बाद सभी आरोपी साक्ष्याभाव में बरी कर दिया गया. हैरानी की बात ये है कि इस साल सभी लोगों को मुख्यमंत्री के मंच से सम्मानित भी किया गया. मुख्यमंत्री एक संवैधानिक पद होता है मगर सरायकेला- खरसावां जिला ने संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर जूते- चप्पल उछाल कर जिले का नाम खूब रोशन किया.
इसी कड़ी में आगे बढ़ते हैं. साल 2019 की बात है. इसी जिले के सरायकेला थाना अंतर्गत धातकीडीह गांव में 17 जून की रात चोरी की नीयत से अपने दो साथियों के साथ घुसे तबरेज अंसारी को ग्रामीणों ने धर दबोचा और पिटाई के बाद पुलिस को सौंप दिया. चार दिनों बाद यानी 22 जून को जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई. उसके बाद जो हंगामा बरपा उससे कोई अनजान नहीं है. तबरेज इस दुनिया में नहीं है, मगर तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन पर धन की ऐसी वर्षा हुई कि उसने जिला ही छोड़ दिया. मामले में 10 आरोपी बनाए गए थे. उनमें से दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बड़ी कर दिया गया, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है. वहीं सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
अब बात करते हैं हाल के घटना की. आपको याद दिला दें कि बीते 1 जनवरी को जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना अंतर्गत सर्किट हाउस एरिया में हुए सड़क हादसे में सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर कॉलोनी के बाबा कुटी निवासी छः युवकों की दर्दनाक मौत हो गई है. दो युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है. सभी युवकों के परिजन आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में मजदूरी करते हैं. घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों को छोड़कर किसी भी जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के परिजनों की सुध नहीं. ली मीडिया में किरकिरी होने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, आदित्यपुर नगर निगम के निवर्तमान मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव, डिप्टी मेयर बॉबी सिंह, भाजपा के सरायकेला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी गणेश महाली बाबा कुटी पहुंचे और घटना पर दुख जाता कर परिजनों को सांत्वना देकर और हर संभव सहयोग करने का भरोसा देकर चलते बने. किसी ने भी निजी तौर पर या अपने फंड से कोई आर्थिक सहयोग की घोषणा नहीं की.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्थानीय विधायक सह मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर अपने संवेदना जाता दी. चार दिनों बाद स्थानीय सांसद सह कांग्रेस नेत्री गीता कोड़ा पूरे लाव लश्कर के साथ बाबा कुटी पहुंची. मगर उन्होंने भी मृतकों के आश्रितों के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की. हां संवेदना जरूर जताया साथ ही भरोसा दिलाया कि हर संभव सहयोग करूंगी. उनके साथ सरायकेला- खरसावां जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज कुमार, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेशधारी जगदीश नारायण चौबे रानी कालुंडिया आदि मौजूद रहीं.
वैसे इस पूरे घटनाक्रम के दौरान आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेन्द नारायण सिंह और इचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने मानवीय संवेदना का परिचय जरूर दिया. जिनके प्रयासों से न केवल गमगीन परिजनों को सहारा मिला, बल्कि दु:ख में डूबे बाबाकुटी की जनता को भी संभलने का मौका मिला. मगर हर किसी की आंखें बस अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों की तरफ टकटकी लगाए बैठी नजर आई कि उनके पास पीड़ित परिवार के लिए क्या मरहम है.