आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत श्रीनाथ ग्लोबल विलेज अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 908 में किराए में रहने वाली देवलीना टीकादार आत्महत्या मामले में सीजेएम कोर्ट द्वारा मांगे गए प्रगति रिपोर्ट 2 महीने बाद भी उपलब्ध नहीं कराए जाने से निराश परिजनों ने आदित्यपुर थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.
रविवार को इस आशय की जानकारी देते हुए देबोलीना टीकादार की नमिता टीकादार, पिता दिनेश चंद्र टीकादार एवं अधिवक्ता रिंकू शाहा ने पुलिस पर देबोलीना के पति अभिषेक मंडल और उसकी सास मनीषा मंडल को बचाने का आरोप लगाया है.
बता दें कि 7 मार्च 2022 को देबोलीना ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद देबोलीना की मां नमिता टीकादार की शिकायत पर आदित्यपुर थाने में कांड संख्या 37/ 2022 के तहत 9 मार्च को भादवि की धारा 304 बी, 306, 120 बी, 34 एवं दहेज प्रताड़ना अधिनियम 1961 की धारा तीन एवं चार के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें देबोलीना की मां ने अपने दामाद अभिषेक मंडल एवं समधन मनीषा मंडल पर अपनी इकलौती बेटी देबोलीना को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया था.
इस संबंध में जानकारी देते हुए अधिवक्ता रिंकू शाह ने बताया कि 28 फरवरी 2021 को देवोलीना टीकादार की शादी अभिषेक मंडल के साथ पूरे रीति-रिवाज के साथ हुई थी. देवोलीना केनरा बैंक कांड्रा में ऑफिसर के पद पर कार्यरत थी. जबकि अभिषेक चक्रधरपुर रेलवे मंडल में लोको पायलट है. दोनों ही शादी के बाद श्रीनाथ ग्लोबल विलेज अपार्टमेंट्स के फ्लैट संख्या 908 में किराए पर रह रहे थे. शादी के समय अभिषेक मंडल द्वारा दहेज की मांग नहीं की गई थी. परंतु शादी के एक सप्ताह के बाद देवलीना को आशीर्वाद में मिले सोने का हार उसकी सास मनीषा मंडल ने छीन लिया.
इसके बाद आए दिन दामाद अभिषेक और उसकी मां मनीषा दहेज नहीं मिलने के कारण उसे ताना मारने लगे. नमिता ने बताया कि दहेज अभिषेक और उसकी मां ने उनकी बेटी पर कार के लिए दबाव डालने लगे. दोनों मिलकर देवोलीना को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. जिसकी सूचना मृतका ने 9 दिसंबर 2021 में फोन पर अपनी मां को दी थी. 7 मार्च 2022 को आत्महत्या करने से कुछ समय पहले भी अभिषेक फोन पर देवलीना से झगड़ा कर रहा था. इस दौरान देवलीना फोन पर अभिषेक से बात करते हुए रोने लगी और रोते हुए सारी बात अपनी मां को बता कर कमरे में चली गई. काफी देर तक देवलीना के बाहर नहीं आने पर मां नमिता ने दरवाजा खटखटाया परंतु कोई सुगबुगाहट नहीं होने पर उन्होंने अपार्टमेंट में पड़ोस में रहने वाली काकोली महतो को आवाज दी. जिसके बाद सिक्योरिटी गार्ड को बुलाया गया. सिक्योरिटी गार्ड ने मिस्त्री को बुलवाकर दरवाजा खुलवाया, मगर तब तक देवोलीना ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.