कांड्रा: नागपुरी सुपरस्टार बंटी सिंह का निधन नागपुरी जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में होना संभव नहीं.
एक्टर बंटी सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए बंटी सिंह के मित्र सह कई नागपुरी एल्बम और फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके कांड्रा निवासी प्रदीप कुमार गुड्डू ने इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा, कि दिवंगत बंटी सिंह एक सरल स्वभाव के इंसान थे और कई युवा कलाकारों के प्रेरणास्रोत थे.
उनके असमय दुनिया से चले जाने से लाखों फैंस और शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. अपनी संवेदना प्रकट करते हुए गुड्डू ने कहा, कि उनके नेक कर्मों ने उन्हें महान इंसान बना दिया था, जिससे नि:संदेह वे सीधे परमधाम जाएंगे और भगवान श्रीराम का सानिध्य पाएंगे.
प्रदीप कुमार गुड्डू ने बताया कि 2010 में बंटी सिंह की नागपुरी फिल्म ‘प्यार कर सपना’ में बंटी सिंह के साथ फिल्म में उन्होंने भी एक अहम भूमिका निभाई थी.
इस फिल्म की शूटिंग कांड्रा और आस आस के क्षेत्रो समेत चांडिल के हसीन वादियों में हुई थी, जो लगभग एक महीने तक चली थी. फिल्म की शूटिंग का अधिकांश लोकेशन डुमरा पंचायत अंतर्गत रघुनाथपुर गांव के आसपास था.
इसके अलावा बंटी सिंह ने झारखंड में ही नहीं बल्कि बिहार समेत कई राज्यों में स्टेज शो कर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी. नागपुरी के अलावे खोरठा, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी समेत कई फिल्म एवं एल्बम में उन्होने काम किया था.आज उनका गाना’ तू फेसबुक की रानी में व्हाट्सएप का राजा’, ‘नाम तौर ज्योतशना ओ तुई कुली दिगे जाईस ना हरेन जाबे’, ‘सुन ये गोरी तोसे नेयना लड़ाईले जब से’, ‘ये मधुबाला रे ये मधुबाला’, ‘आलू लेलो, दिल्ली में दिल नी लागेला’ समेत कई गानों को मिलेनियम में लोगों पसंद किए हैं. उनके पुराने गांनो में ‘ये जानम करना ना लेट में तो करूँगा तेरा वेट’, ‘मोर दिला के कर लेले चोरी रे’, ‘गोरी गाथा ले दो चुटिया फूल बड़ी दिखाएं है ब्यूटीफुल ‘आज भी लोगों की जुबान पर हैं.
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नागपुरी कलाकार रांची निवासी बंटी सिंह ने नागपुरी को एक अलग पहचान दी थी और उनका सपना था कि हिंदुस्तान में नागपुरी भाषा की एक अलग पहचान हो. बंटी सिंह रांची और जमशेदपुर में कई जगह डांस इंस्टिट्यूट स्थापित कर बच्चों को डांस सिखाते थे. हाल ही में बंटी सिंह डुमरा पंचायत के रघुनाथपुर गाँव में अपने मित्र कांड्रा निवासी प्रदीप कुमार गुड्डू के साथ जाकर लोगो से मिले थे. साथ ही एक बड़ी फिल्म कांड्रा और रघुनाथपुर में करने की बात कही थी और कहा था, कि स्थानीय कलाकारों को सबसे पहले इस फिल्म में प्राथमिकता दी जाएगी. बंटी सिंह को देख कर जो नए कलाकार हैं उन्हें प्रेरणा मिलती थी और कुछ सीखने का मौका मिलता था. नए कलाकारों के लिए बंटी सिंह आदर्श थे और वे भी बंटी सिंह बनना चाहते थे. उनके निधन से फिल्म जगत के छोटे- बड़े कलाकार सदमे में है. शोक व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में सुभाष तंतुबाई, सुनील हांसदा, विनोद महतो, भोला दास, गोपाल मन्ना, दीपक कर्मकार, यश राज, राजू, सनातन महाली, कबिता कौर, लक्ष्मी थापा, बबीता कुमारी, जुगनू बर्मन, पायल कुमारी, प्रिया महतो, मनीष दास, लिली महतो, होलिका महतो, गीता हांसदा, पायल कुमारी, जुगनू बर्मन, सुकलाल लोहार, धर्मेंद्र टुडू, अजय लोहार, बलराम दास, सोनू लोहार सपन मंडल, नित्यानंद मंडल आदि प्रमुख हैं. गौरतलब है कि बंटी सिंह के मौत की खबर बुधवार को मिलते ही कला जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. बंटी सिंह की रिम्स में ईलाज के दौरान मौत हो गई है. वे लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं कल अधिक तबियत बिगड़ने पर रिम्स में भर्ती कराया गया जहां ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत हो गई.