सरायकेला: सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के शिलान्यास में नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से आहत होकर सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्ष मीनाक्षी पटनायक ने वार्ड पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा है.
जिसमें उन्होंने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार और मान सम्मान का हो रहे हनन की रक्षा करने की मांग की है. अपने सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि सरायकेला नगर पंचायत सरायकेला- खरसावां जिले का मुकुट सदृश्य है. जिसके लिए नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि इसकी सुंदरता को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसी के मद्देनजर विगत 3 सालों में नगर की आधारभूत संरचना के साथ-साथ सुंदरीकरण का कार्य भी होने लगा है, और जनप्रतिनिधि बिना खर्च का उप विकास कार्य का शिलान्यास कर कार्य को बढ़ाते रहे हैं. परंतु बीते 2 महीने से जनप्रतिनिधियों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार एवं सम्मान को दरकिनार करते हुए एक सोची समझी साजिश के तहत सरायकेला नगर पंचायत के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी के मार्फत से तीसरे व्यक्ति विधायक एवं मंत्री द्वारा नगर में हो रहे विकास कार्य का शिलान्यास कराने में लगे हुए हैं, जो नियम संगत नहीं है. उन्होंने कहा है कि इस प्रकार के कार्य से जनप्रतिनिधियों को नगर के जनता के सामने नीचा दिखाने का कार्य किया जा रहा है. छोटा सा नगर पंचायत जहां की आय स्रोत बहुत ही कम है, और जिसके कारण कार्यरत कर्मचारियों का वेतन समय पर देना मुश्किल होता है, वहां शिलान्यास कार्य में लाखों रुपए की राशि का खर्च किया जाता है. जो राजस्व पर बहुत बड़ा बोझ है. उन्होंने बताया है कि इस तरह की कार्यशैली बीते 15 सालों में भी नहीं हुआ था. यदि विधायक और मंत्री हर क्षेत्र में इस प्रकार से हस्तक्षेप करेंगे तो नगर पंचायत, नगर पार्षद एवं नगर निगम की स्थापना और चुनाव कराने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार की रक्षा के लिए उचित एवं न्याय संगत कार्रवाई की जाए. अन्यथा की स्थिति में सभी जनप्रतिनिधि इस प्रकार के शिलान्यास कार्य का पुरजोर विरोध करने के साथ- साथ बहिष्कार भी करेंगे. वार्ड पार्षद बरुण कुमार साहू, बलराम प्रसाद साहू, जुगल तापे सहित अन्य वार्ड पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन की प्रतिलिपि राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष एवं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को भी भेजी गई है.