गया: बिहार के गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के सरवां गांव निवासी सरिता देवी की मृत्यु गत दिनों हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके 5 छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए। घटना की सूचना के बाद बोधगया में रहकर गरीबों व पिछड़ों के उत्थान के लिए कार्य करने वाली फ्रांसीसी समाज सेविका डॉ. जेने पेरे उर्फ मम्मी जी के निर्देश पर संस्था के सचिव सह समाजसेवी मुन्ना पासवान के नेतृत्व में एक टीम ने गांव में जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
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इस दौरान मुन्ना पासवान ने महिला के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई। साथ ही महिला की मौत से अनाथ हो गए उसके 5 बच्चों को संस्था द्वारा गोद लेने की भी घोषणा की।
जानकारी के अनुसार बच्चों के पिता की मृत्यु 2 वर्ष पहले ही हो गई थी। वे जालंधर में मजदूरी का कार्य करते थे। इसके बाद सरिता देवी किसी तरह मजदूरी कर अपने पांचों बच्चों का लालन पोषण कर रही थी। लेकिन 3 दिन पूर्व रात्रि में वह खाना खाकर कमरे में सोई हुई थी। अहले सुबह उसकी मृत्यु ही गई थी।उसकी मौत कैसे हुई यह किसी को नहीं पता। लेकिन मां की मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए थे ।अचानक संस्था के लोगों के द्वारा पहुंचने पर अनजान लोगों को देख बच्चे विलाप करने लगे। मां की याद आते ही बच्चे बच्चे फूट-फूटकर रो पड़े। इसे देखकर वहां मौजूद हर कोई गमगीन हो गया।
इस दौरान समाजसेवी मुन्ना पासवान ने बताया कि बच्चों के पिता का निधन 2 वर्ष पहले हो गया था। इनकी मां की भी 3 दिन पहले संदिग्ध मौत हो चुकी है। ऐसे में ये बच्चे अनाथ हो गए है। इनकी देखरेख करने वाला अब कोई नहीं है। इसकी जानकारी मिलते ही संस्था की संचालिका डॉ. जेनी पेरे ने हमें यहां भेजा है। हम बच्चों को गोद ले रहे हैं। आज से इन्हें सभी तरह की व्यवस्था संस्था द्वारा दी जाएगी। संस्थान द्वारा उक्त पांचों बच्चों के पढ़ाई, लिखाई सहित रहने की भी व्यवस्था की जाएगी। अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को आर्थिक मदद भी दी गई है।
मुन्ना पासवान (समाजसेवी)
मौके पर उपस्थित सरवां पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार दांगी ने बताया कि महिला के पति श्रवण चौधरी की मृत्यु गत वर्ष हो गई थी। अब सरिता देवी की मौत हो जाने से उसके पांचों बच्चे अनाथ हो गए थे। उन्होंने बताया कि महिला की मृत्यु के बाद उसके आठ वर्षीय पुत्र शंकर कुमार, छह वर्षीय बच्ची चांदनी कुमारी, पांच वर्षीय बच्ची शिवानी कुमारी, तीन वर्षीय पुत्र श्याम कुमार तथा तीन वर्षीय बच्ची सुरुचि कुमारी अनाथ हो गए थे। ग्रामीणों के सहयोग से महिला का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया था, लेकिन बच्चों के पालन पोषण का संकट खड़ा हो गया था। मम्मी जी एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पांचों बच्चों को गोद लेने की घोषणा पर ग्रामीणों ने संस्था व फ्रांसीसी समाजसेविका डॉ. जेने पेरे उर्फ मम्मी जी के प्रति आभार व्यक्त किया।
संजय कुमार दांगी (स्थानीय ग्रामीण)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट