झारखण्ड राज्य अवर वन सेवा संघ पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई की मासिक बैठक रविवार को चक्रधरपुर के वन विश्रामागार में हुई.
बैठक में मुख्य रूप से झारखंड में होने वाली वनपाल पद पर सीधी नियुक्ति का विरोध किया गया. साथ ही विभिन्न मांगों पर भी चर्चा की गई. इसे लेकर पूर्व में ही राज्य के सभी विधायकों, मंत्रियों एवं विभाग के पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है, तथापि सरकार और वन विभाग यदि नियम विरुद्ध कार्य करती है तो राज्य के सभी वनरक्षी न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे. बैठक में झारखण्ड राज्य अवर वन सेवा संघ पश्चिमी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष श्रीराम बोदरा, जिलामंत्री आलोक तुबिद, कोषाध्यक्ष बबलू लकड़ा, पूर्व जिलामंत्री निर्मल महतो, पूर्व कोषाध्यक्ष मुकेश गुप्ता, दुबराज मांझी, सोसन बरजो, दुलाराम सोरेन,लखन सिंह सिंकू, विलियम विकास बोयपाई, महेश्वर मांझी, चंद्रशेखर लागुरी, मनीष सिंकू, पोटेसिंह देवगन, रघुनाथ गोप, दीपक गोप, संगीता मुंडू, आनंद तिर्की, माखनलाल टुडू, ज्ञानसिंह भूमिज़ राजकिशोर मुखी आदि वनरक्षी उपस्थित रहे.