GAYA विगत 6 सितंबर को शहर के मगध मेडिकल थाना क्षेत्र के हवाई अड्डे के निकट पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस हत्या में शामिल सुपारी किलर को जिला पुलिस ने उसकी फेसबुक लोकेशन के जरिये गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस ने उसके एक सहयोगी जितेंद्र यादव को भी गिरफ्तार किया है। इस हत्या के पीछे प्रापर्टी विवाद सामने आया है। हत्या कराने वाले 2 लोगों का नाम सामने आया है। दो में से एक संजय यादव जेल में बंद है। पुलिस का दावा है कि उसी ने सत्येंद्र यादव की हत्या की साजिश रची थी। इस हत्या में मेडिकल थाना क्षेत्र के नैली गांव निवासी मल्लू यादव की भूमिका भी अहम है। उसी के घर पर हत्या की डील फाइनल हुई थी और हत्या के एवज में तय करार के तहत साढ़े 3 लाख रुपये के लेने- देन हुए थे।
इस संबंध में एसएसपी आदित्य कुमार ने बताया, कि पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव हत्या मामले में मुकेश रमानी का नाम सामने आया था। मुकेश रमानी हत्या करने के बाद बेलागंज होते हुए मुंगेर चला गया था। इस बात की जानकारी फेसबुक लोकेशन से हुई थी। जिस स्थान पर मर्डर हुआ था, वहां से लेकर बेलागंज तक के मोबाइल टावर डम कराए गए तो मुकेश रमानी का लोकेशन फेसबुक लोकेशन से मैच होने लगा। इसके बाद पुलिस उसके पीछे लग गई। करीब डेढ़ महीने की कड़ी मेहनत के बाद सफलता हाथ लगी। मुकेश रमानी को हत्या को अंजाम तक पहुंचाने में मदद करने वाला बोधगया के धनावा गांव का जितेंद्र यादव भी पकड़ा गया है। मुकेश के पास से ऑटोमेटिक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। साथ ही में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के ऊपर लिखित किताब डोंगरी से दुबई तक किताब भी मिली है। यह किताब हिंदी में है। पुलिस का कहना है कि मुकेश को डॉन बनने का बड़ा शौक है।
उन्होंने बताया कि मुकेश रमानी के विरुद्ध 17 मुकदमे दर्ज हैं। वह औरंगाबाद बाल सुधार गृह से अब तक फरार था। इसी ने बक्सर से 2 शूटर अमित कुमार सिंह और मोनू सिंह को बुलाया था। अमित के ऊपर पचास हजार रुपये का इनाम भी है। बोधगया धनावा के जितेंद्र यादव के खिलाफ भी कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि जेल में बंद संजय यादव व मारे गए पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव किसी जमाने में एकसाथ प्रापर्टी का धंधा करते थे। प्रापर्टी में विवाद उत्पन्न होने के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। बीते वर्ष सत्येंद्र यादव ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन की खरीदी। उस जमीन पर मल्लू यादव और संजय यादव की भी नजर थी। लेकिन उनकी बात नहीं बन सकी तो उन्होंने सत्येंद्र यादव से ढाई करोड़ रुपये की डिमांड की, लेकिन सत्येंद्र यादव ने ढाई करोड़ रुपये देने से इंकार कर दिया। यह बात मल्लू व संजय को नागवार गुजरा। मल्लू यादव खुद एक बड़ा अपराधी है, लेकिन प्रापर्टी के कारोबार में आने के बाद उसने सत्येंद्र को डायरेक्ट नुकसान न पहुंचाने के ख्याल से संजय यादव से बातचीत कर सुपारी किलर हायर करने की योजना बनाई। उसी योजना के तहत जितेंद्र यादव ने मुकेश रमानी से संपर्क साधा और मुकेश ने बक्सर से अपने दो साथियों को बुलाया और साढ़े 3 लाख में डील फाइनल कर रुपये उठा लिए। यही नहीं जितेंद्र यादव ने न केवल डील फाइनल कराई बल्कि हथियार मुहैया कराने के साथ ही सत्येंद्र यादव के बाबत मुकेश रमानी को पल-पल की जानकारी भी मुहैया कराई और फिर एक दिन मुकेश रमानी व उसके साथियों ने सत्येंद्र यादव को गोलियों से भून डाला।
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट