SARAIKELA त्योहारों का मौसम आते ही सरायकेला में किस्मत आजमाने का दौर भी जोरों पर है. हालांकि लॉटरी के माध्यम से किस्मत आजमाने का किस्सा सरायकेला के लिए सालों भर का कारोबार बना हुआ है, मगर इन दिनों त्योहारों के मौसम में विशेष रुप से लोग लॉटरी के माध्यम से किस्मत आजमाने का खेल खेल रहे हैं. इसी के साथ क्षेत्र में प्रतिबंधित और अवैध लॉटरी का धंधा धड़ल्ले से जारी है. जिसमें बताया जा रहा है कि कई सफेदपोशों के दामन भी सफाई के साथ लॉटरी के कारोबार से धन कमाने में पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं. वही लॉटरी के खेल का हिस्सा बन रहे विशेषकर सरायकेला क्षेत्र के दिहाड़ी कमाई करने वालों के घर परिवार उजड़ रहे हैं. बताया जाता है कि एक नंबर वाली प्रतिबंधित लॉटरी प्रतिदिन बंगाल क्षेत्र से सरायकेला पान के पत्तों के बंडल के बीचोंबीच छिपाकर पहुंचती है. जिसके एजेंट सरायकेला में अपने निर्धारित ग्राहक के पास पहुंचाते हैं. ऐसे ग्राहक स्थानीय होटलों, रेस्तरां और ठेलों में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर वर्ग के अधिकांश है. जो प्रतिदिन की कमाई का एक हिस्सा निश्चित रूप से लॉटरी के खेल में लगाते हैं. जिसे किसी नशे की लत की तरह कहा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि लॉटरी की खेल में हर बार हार हो रही है. कभी- कभी 1000- 2000 रुपया जीतने के भी किस्से हैं. जिससे ऐसे लोगों में लॉटरी खेलने की ललक बनी रह रही है. हालाकि पूरे खेल का कैलकुलेशन करने पर नतीजा घाटे का सौदा ही रहता है. इधर ऐसे लॉटरीबाजो के घरों की हालत देखी जाए तो प्रतिदिन घर में शाम- शाम तक कलह की स्थिति होती है, या फिर लॉटरी जीतने या हारने के गम या खुशी की स्थिति में नशे का दौर भी जमकर चलता हुआ देखा जाता है. कुल मिलाकर लॉटरी का खेल कराने वाले सरायकेला में बल्ले बल्ले नजर आ रहे हैं. वहीं किस्मत आजमाने के नाम पर लॉटरी खेलने वाले लॉटरी और नशे दोनों के आदी बन रहे हैं.
ऐसे चलता है लॉटरी का खेल
बताया जाता है कि सरायकेला में प्रातः 8:00 बजे तक पसंदीदा लॉटरी अपने स्थापित ग्राहकों के हाथों तक पहुंच जाती है, और सांझ ढलते ही उक्त लॉटरी के नतीजे इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न इंटरनेट कैफे द्वारा निकालकर किस्मत के फैसले देखे जाते हैं. जिसमें प्रतिदिन 4 लाख से लेकर 5 लाख के लॉटरी का खेल सरायकेला में खेले जाने की बात बताई जा रही है.