खरसावां के काली मंदिर प्रागण में कोल्हान उडिया समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक किया गया। हरिश चन्द्र आचार्य के अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उडिया भाषा-संस्कृति और अधिकार की मांग को लेकर आगामी 28 सितम्बर को जिला मुख्यालय में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई। मौके पर श्री आचार्य ने कहा कि झारखंड सरकार के द्वारा उडिया स्कूलों को सरकार की अनुदान नहीं देंगे, उड़िया भाषा के छात्र छात्राओं को पुस्तक नहीं उपलब्ध कराने एवं ओड़िया शिक्षक की नियुक्ति नहीं करने आदि मांगो को लेकर उड़िया समाज को एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। वही सुशील षांड़गी ने कहा कि राज्य सरकार का सौतेला व्यवहार उडिया भाषा-भाषी के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होने कहा कि झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने ओड़िया भाषा साहित्य को राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया था। इसके बाद राज्य में जितनी भी सरकारें बनी हुए उड़िया भाषा को लुफ्त करने के लिए षड्यंत्र के तहत कार्य कर रही है। उड़िया भाषा के बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तक नहीं देना, ओड़िया सरकारी स्कूलों को अनुदान नहीं देना, ओड़िया शिक्षकों की बहाली नहीं करना षड्यंत्र का एक प्रमाण है। जिसके कारण उड़िया भाषा साहित्य धीरे-धीरे लुप्त हो रहा। जिसके कारण उड़िया भाषा भाषियों में असंतोष का माहौल है। इस बैठक में मुख्य रूप से हरिश चन्द्र आचार्य, सुशील सारंगी, आलोक दास, नयन नायक, विवेकानंद प्रधान, प्रभाकर मंडल, जितवाहन मंडल, सपंन मंडल, चन्द्रभानु प्रधान, अजय प्रधान, अनिता दलबेहरा, रंजिता महांती, रेणु महाराणा, सबिता विषेई, राज कुमार स्वाई, जयजीत सारंगी, भरत मिश्रा, रंजीत मंडल, आदि उपस्थित थे।
Exploring world