बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के सबसे महत्वकांक्षी ‘नल जल योजना’ रोहतास जिला में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए दुधारू गाय बन गई है. बिना काम कराए कई पंचायतों में करोड़ों का निकासी हो गया और घरों तक दो बूंद पानी भी नहीं पहुंचा.
हम बात करते हैं रोहतास जिला के बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के दावथ प्रखंड के इटवा पंचायत की. जहां पंचायत जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने मिलकर इस योजना में ऐसा पतीला लगाया कि वे सभी तो वारे न्यारे हो गए, लेकिन पंचायत के ग्रामीण प्यासे ही रह गए.
वैसे तो पूरे प्रदेश की अमूमन यही स्थिति है, लेकिन रोहतास जिला के कई पंचायत ऐसे हैं जहां ‘नल-जल योजना’ के नाम पर बड़ी लूट हुई है. ऐसा ही एक पंचायत है दावथ प्रखंड का इटवा पंचायत. जहां कुल 16 वार्ड हैं, और किसी वार्ड में किसी घर में दो बूंद पानी भी नहीं पहुंच रहा है. इतना ही नहीं, कई वार्ड में तो पानी की टंकी के लिए स्ट्रक्चर का निर्माण भी नहीं हुआ और पूरी राशि की निकासी कर ली गई है.
इटवा पंचायत के जगोधारा गाँव के वार्ड नंबर-13 की बात करें, तो यहां के वार्ड सदस्य ने स्ट्रक्चर तक का निर्माण नहीं किया. पानी सप्लाई हेतु समर्सिबल तो लगा दिया गया, लेकिन पाइपलाइन एवं बिजली की व्यवस्था नहीं की गई. आलम यह है, कि लोगों को पानी भी नहीं मिला और ढांचा का निर्माण भी नहीं हुआ. लेकिन 14 लाख से अधिक की राशि की निकासी हो गई. यह मामला आज का नहीं है. ढाई से 3 साल बीत गए, ग्रामीण शिकायत की पोटली लेकर कार्यालय दर कार्यालय भटक रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है.
चंदन कुमार (ग्रामीण,बहुआरा गांव)
इटवा पंचायत के बहुआरा, बतसा, खैरही, झलखोरिया, परमडिह तथा शाहपुर गाँव के लोग कहते हैं, कि उनके गांव में तो पानी की टंकी भी लग गई. दो या तीन दिन नल से जल भी मिला, लेकिन उसके बाद पानी ऐसे गायब हुआ कि फिर कभी आने का नाम नहीं लिया. बभनी गांव की भी अमूमन यही स्थिति है, और जगोधरा के ग्रामीण तो ठगे महसूस कर रहे हैं. कुल मिलाकर यह कहे कि बिना काम किए ही राशि की निकासी हो गई और शिकायत करने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है.
मुकेश कुमार सिंह (ग्रामीण)
सबसे बड़ी बात है, कि जब ग्रामीणों ने शिकायत की तो लिखित जवाब आया, कि जगोधरा में 25 घरों में पानी की सप्लाई हो रही है. जबकि गांव में पानी टंकी का निर्माण हुआ ही नहीं, बिजली का कनेक्शन तक नहीं हुआ. तो फिर पानी 25 घरों में आखिर पहुंचा कैसे ! इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, कि ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई होगी. चुकी सरकार की यह एक महत्वपूर्ण योजना है. उन्होंने बहुत सारे मामले की जानकारी से अनभिज्ञता जताई. लेकिन आश्वासन दिया कि उक्त जानकारी पर कार्रवाई की जाएगी. अब देखना है, कि इस मामले में आखिर होता क्या है ? क्योंकि पंचायत चुनाव भी अब सर पर है.
वहीं इटावा पंचायत के वर्तमान मुखिया सत्येंद्र शर्मा से जब पूछा गया, कि दलित क्षेत्रों में क्यों नहीं विकास हुआ, और दलित समाज के लोग आप का काफी विरोध कर रहे हैं. इसपर सत्ता के मद में चूर वर्तमान मुखिया ने फोन पर कहा, कि दलित समाज के लोगों के वोट से मेरा भोजन नहीं चलता है, मुखिया ने कहा, दलित लोग वोट नहीं देगा तो नहीं दे.
मुखिया का कॉल रिकॉर्डिंग
रोहतास जिला के एक पंचायत की नल- जल योजना के हाल को हमने एक मॉडल के रूप में दिखाया है. जिला के लगभग सभी पंचायतों का हाल अमूमन ऐसा ही है. प्रत्येक पंचायत में दो से ढाई करोड़ रुपए नल- जल के नाम पर निकासी तो कर लिया गया, लेकिन खर्च नहीं हो सका.
देखें video
रोहतास से रंजन सिंह की रिपोर्ट
Exploring world