गोपालगंज जिले में बाढ़ विस्थापितों की स्थिति भयावह है. यहां विस्थापित नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई. जब सरकार सामुदायिक रसोई और प्लास्टिक उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो पशुओं के लिए भोजन तो एक कपोल कल्पना है. यह नीतीश सरकार का नर्क है और लोग नारकीय जीवन जीने और मरने को अभिशप्त हैं. यह बात प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने गोपालगंज जिले में माझा प्रखंड के भैंसही में बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों से मुलाकात करने के बाद कही.
प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष गोपालगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आज पहुंचीं थी. गोपालगंज के माझा प्रखंड के भैसही, बरौली प्रखंड के रामपुर परसौनी और बैकुंठपुर प्रखंड के सत्तर घाट के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को देखने के बाद बिहार सरकार द्वारा विस्थपितों हेतु मुहैया कराए गए व्यवस्था से नाराज दिखी प्लुरल्स की अध्यक्ष ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिहार की हालत अफ्रीकी देशों से भी बदतर हो गई है. सरकारी विज्ञापनों में सरकार दावे तो बड़ी – बड़ी करती है परंतु जमीन पर सारे दावे खोखले हैं. पटना में जनता के टैक्स के पैसे से सरकारी विज्ञापनों में दावे तो बड़े – बड़े किये जाते हैं परंतु जमीन पर नारकीय हालात हैं. सरकार के बाढ़ आश्रय स्थल तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मिलती नहीं है, ऐसा लगता है कि सारे बाढ़ आश्रय स्थल का पैसा मुख्यमंत्री आवास में लगा दिया गया है”. “
इस अवसर पर प्लुरल्स पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम सुमन, पार्टी के प्रेस सचिव मुकेश कुमार, गोपालगंज के जिलाध्यक्ष राज सोनी, जिला सचिव मोहम्मद आजाद, नगर अध्यक्ष गोपाल विवेक चौबे, सीवान के जिलाध्यक्ष संदीप सारांश, सुधांशु सौरभ, प्रशांत गुप्ता, चुन्नु सिंह, अनीश दुबे, सोनू सोनी, भरत भूषण, श्रवण रावत सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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