काबुल: अफगानिस्तान आज से भारत लौटे 146 लोगों में से दो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. अफगानिस्तान से भारत लौटने वाले लोगों के लिए कोविड-19 टेस्टिंग नोडल ऑफिसर नियुक्त किए गए राजिंदर कुमार ने इस बात की जानकारी दी. काबुल एयरपोर्ट को फिलहाल निकासी उड़ानों के लिए खोल दिया गया है. भारत जल्द से जल्द अपने लोगों को वहां से निकालने की कोशिश कर रहा है. रविवार को 392 लोगों को तीन अलग-अलग विमानों से अफगानिस्तान से भारत लाया गया, जिनमें दो अफगान अधिकारी भी शामिल थे. 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों और हिंदुओं सहित कुल 168 व्यक्तियों को सी-17 सैन्य परिवहन विमान में काबुल से दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डे के लिए एयरलिफ्ट किया गया था.
इसके बाद 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य जत्थे को दुशांबे से एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान से वापस लाया गया. इस बीच, अफगानिस्तान से दोहा लाए गए 146 भारतीय नागरिकों को रविवार रात भारत वापस भेज दिया गया. अफगानिस्तान के एक दूतावास में काम करने वाले उत्तराखंड के रहने वाले योगेंद्र सिंह ने इंडिया टुडे से काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डेतक अपनी कष्टदायक यात्रा के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि हम भारी तबाही और भ्रम के बीच भारत लौटे हैं. योगेंद्र ने कहा कि मैं वहां सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करता था और हमें काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचने में 6 दिन लगे. हमें अमेरिका और डेनिश सुरक्षा सैनिकों द्वारा सहायता प्रदान की गई थी. उन्होंने कहा कि वह बहुत ही डरावना मंजर था, हम नहीं जानते कि अभी वहां कितने भारतीय फंसे हुए हैं.
काबुल से वापस आए दार्जिलिंग के रहने वाले एक युवक ने बताया कि हम एक नागरिक विमान से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. तबाही को याद करते हुए कौशल ने कहा। हम पांच लोग थे जो एक फैक्ट्री में काम करते थे. हमें एयरपोर्ट तक पहुंचने में 8 दिन लगे. हमनें सारी रातें जागते हुए गुजारीं. हम अपना सब कुछ काबुल में ही छोड़कर आए हैं. हमारे पास केवल एक बैग है. वहां की स्थिति बहुत भयानक है और हमें नहीं पता कि हम काम के लिए अफगानिस्तान वापस जाएंगे की नहीं. बता दें कि अभी कई भारतीय अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. भारत सहित दुनिया के लगभग सभी देश अपने नागनिकों के साथ साथ तमाम देशों को नागरिकों को वहां से निकालने में मदद कर रहे हैं.
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