झारखंड में ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी, यानी जनजातीय सलाहकार परिषद की पहली बैठक सोमवार को रांची में संपन्न हुई. हालांकि पहली बैठक का भाजपा ने पुरजोर तरीके से विरोध करते हुए बहिष्कार कर दिया. आपको बता दें कि टीएसी के अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा ने सवाल उठाया है. भाजपा टीएसी के नियमावली में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन की सरकार द्वारा बगैर राज्यपाल की संस्तुति के संशोधन किए जाने और राज्यपाल को नजरअंदाज किए जाने को लेकर विरोध जता रही है. इधर जमशेदपुर में घाटशिला के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता लक्ष्मण टुडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वर्तमान टीएसी को गलत बताते हुए पुरजोर तरीके से विरोध जताया. उन्होंने बताया, कि नए नियमावली के तहत टीएसी के अध्यक्ष पद पर मुख्यमंत्री को अधिकार मिलना राज्य के आदिवासियों के लिए सही नहीं है. उन्होंने टीएसी अध्यक्ष पद पर आदिवासी समुदाय के विद्वान को बिठाया जाने की मांग की. ताकि आदिवासियों के हितों पर राजनीतिकरण ना हो. इसके अलावा 20 में से एक पद महिला के लिए एवं एक पद आदिम जनजाति के लिए आरक्षित किए जाने की मांग उठाई. श्री टुडू ने बताया, कि भविष्य में अगर आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं होते हैं तो नए नियमावली के तहत गैर आदिवासी मुख्यमंत्री कैसे टीएसी के अध्यक्ष हो सकते हैं. उन्होंने अविलंब टट्राइबल एडवाइजरी कमिटी के नियमावली में संशोधन करते हुए किसी विद्वान को कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की. साथ ही सोमवार को ट्राइबल एडवाइजरी कमिटी की बैठक से नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, भाजपा नेता नीलकंठ सिंह मुंडा एवं कोचे मुंडा द्वारा बहिष्कार किए जाने को सही करार दिया.
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