कांड्रा/ Bipin Varshney अमलगम स्टील के पहुंच पथ को ख़तियानी रैयत मनसा राम महतो द्वारा खोदे जाने के बाद मंगलवार को जहां दिनभर कंपनी में आने- जानेवाले वाहनों की लंबी कतारें लगी रही वहीं रात के अंधेरे में कंपनी द्वारा उक्त गड्ढों को भरवाकर फंसे वाहनों को निकलवाया गया. इधर कंपनी के इस रवैया के विरोध में ग्रामीणों ने फिर से मोर्चा खोल दिया है. जिसके बाद तनाव बढ़ गया है.

क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि खाता संख्या तीन प्लॉट संख्या 996 एवं 998 का मूल रैयत मनसा राम महतो है. पिछले बीस वर्षों से मनसा के रैयती जमीन से होकर कंपनी की गाड़ियों का आवागमन होता है. पूर्व में यहां आधुनिक कंपनी का पवार प्लांट हुआ करता था जिसे अमलगम ने अधिग्रहित किया है पूर्व के एग्रीमेंट के मुताबिक रैयती जमीन के मालिकों को मुआवजा और कंपनी में नौकरी दिया गया है. मनसा राम महतो भी कंपनी का स्थायी मजदूर है. उक्त जमीन के एवज में उन्हें अलग से पैसे दिए जाते हैं. हर साल लीज का नवीनीकरण होता है. इधर लीज की अवधि समाप्त होने पर इसबार उन्होंने कंपनी को जमीन देने से मना कर दिया और अपनी जमीन वापस लेने के लिए संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ पत्राचार किया गया मगर कोई निष्कर्ष नहीं निकला. अंत में 21 मार्च 2025 को उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी को सूचित कर अपने पुश्तैनी रैयती जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसके बाद कंपनी का रास्ता रुक गया और कंपनी में अनजाने वाले वाहन फंस गए. मनसा ने बताया कि मैं अपनी जमीन पर कब्जा करने जाता हूं तो कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह एवं सुरक्षा अधिकारी तारकनाथ तिवारी द्वारा झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है. यह जमीन मेरी पुश्तैनी जमीन है.
क्या कहना है प्रबंधन का
इस मामले को लेकर कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से कंपनी चल रही है. इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है. मनसा राम महतो को लीज के अनुसार पैसे का भुगतान किया जाता रहा है अभी भी उनका चेक बनकर तैयार है मगर वे परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं. इससे पूर्व उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी दी गई थी. मगर वह किसी के प्रभाव में आकर कंपनी के हजारों लोगों का रोजगार छीनना चाह रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को सहयोग करना होगा अन्यथा हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे.
