सरायकेला: जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता ने इंडिया न्यूज़ वायरल की खबरों को भ्रामक बताते हुए अपने हस्ताक्षर युक्त एक नोटिस शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यार्थ प्रेषित किया है. डीईओ ने ज्ञापांक संख्या 201/ 10- 02- 25 जारी करते हुए इसकी प्रतिलिपि उपायुक्त और एसपी को भी भेजी है.
क्या है नोटिस मे
जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जारी किए गए नोटिस में लिखा गया है कि “इंडिया न्यूज वाईरल, सरायकेला- खरसावां द्वारा लगातार दो भ्रामक न्यूज दिखाया गया है, जो विभिन्न ह्वाट्पस ग्रुप में वायरल है, जिसमें मुझे व्यक्तिगत रूप से एवं शिक्षा विभाग को टारगेट कर छवि को खराब करने हेतु न्यूज दिखाया जा रहा है. साथ ही इसमें यह भी दिखाया जा रहा है कि सरायकेला- खरसावां जिले में शिक्षा का माहौल बिगड़ता जा रहा है. इंडिया न्यूज वाईरल, सरायकेला- खरसावां द्वारा दिखाये जा रहे उपरोक्त न्यूज भ्रामक है तया इसे संबंधितों के द्वारा षड़यंत्र करते हुए दिखाया जा रहा है. सरायकेला- खरसावां जिला में शिक्षा का माहौल अच्छा है तथा शिक्षा के बेहतरी हेतु सतत प्रयास किया जा रहा है. इंडिया न्यूज वाईरल, सरायकेला- खरसावां में दिखाये जा रहे न्यूज का कार्यालय खण्डन करता है. उपर्युक्त भ्रामक न्यूज पर कार्यालय द्वारा विधि- सम्मत कार्रवाई हेतु आवश्यक कदम उठाया जा सकता है. जिले के शिक्षा विभाग सम्पूर्ण टीम को निर्देश है कि शिक्षा के बेहतरी के लिए नियमानुसार अपने- अपने कार्यों का निष्पादन करना सुनिश्चित करेंगे.”
क्या तानाशाह हो गए हैं डीईओ ?
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी नोटिस पर जिले के वैसे शिक्षकों एवं कर्मियों में मायूसी है जो डीईओ की प्रताड़ना से तंग आकर उनकी कारगुजारियों को उजागर कर रहे थे. इसके लिए वे मिडिया का साहरा लेकर अपनी बातों को रख रहे थे. उनके खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी आवाज मुखर कर डीसी से तत्काल उन्हें हटाने की मांग की है. जिला शिक्षा अधिकारी के इस नोटिस को शिक्षा विभाग के पदाधिकारी और कर्मी तुगलकी फरमान मान रहे हैं और धीरे-धीरे गोलबंद हो रहे हैं. ऐसे समय में जब मैट्रिक और इंटर की परीक्षा सर पर है एक डीईओ द्वारा इस तरह का नोटिस जारी करना यह दर्शाता है कि उन्हें अपने खिलाफ खबर लिखे जाने पर आपत्ति है. मिडिया उनका उनका महिमा मंडन करे विभाग की खामियों और उनकी करगुजारियों को उजागर न करें.
इंडिया न्यूज़ वायरल की डीइओ को चुनौत
ईमानदार और कर्मठ जिला शिक्षा पदाधिकारी को इंडिया न्यूज़ वायरल खुली चुनौती देता है कि हमारे द्वारा प्रकाशित किए गए खबरों को भ्रामक साबित करें अन्यथा हम उनके खिलाफ क़ानून का साहरा लेंगे. यहां हम अपने पाठकों को बताना चाहेंगे कि बीते गुरुवार को एनआर प्लस टू हाई स्कूल की प्रभारी प्राचार्य अंबिका प्रधान ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बैक डेट में शिक्षकों के सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा है. यहां तक कि उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर वह स्कूल में ही मूर्छित हो गई थी. साथी शिक्षकों एवं कर्मियों के सहयोग से उन्हें होश में लाया गया था. उसकी तस्वीर भी हमने अपने वेबसाइट पर साझा किए थे. उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन कर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया था मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया. हमने अपने वेबसाइट पर इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है.
देखें इंडिया न्यूज वायरल पर प्रकाशित खबरों का लिंक
1- https://indianewsviral.co.in/saraikela-deo-activities/
2- https://indianewsviral.co.in/saraikela-jmm-opened-front-against-deo/
3-https://indianewsviral.co.in/saraikela-deo-action/
4-*सनकी DEO ने कर डाली ऐसी हरकत बेहोश हो गई प्रभारी प्रधानाध्यापिका || कैमरा देखते ही भड़के साहब*
*कुकड़ू में झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डन ने छात्राओं को बनाया बंधक || आखिर क्यों बिगड़ रहा जिले में शैक्षणिक माहौल ? पूछती जनता जिम्मेदार कौन !*
हमारा सवाल जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब आप गलत नहीं थे तो आपने फोन क्यों नहीं उठाया ? हमारे प्रतिनिधि आपके पास गए थे कैमरे के सामने आपने अपना पक्ष क्यों नहीं रखा ? क्या केवल इंडिया न्यूज़ वायरल ने ही उक्त खबर को प्रकाशित किया था ? दूसरी खबर कुकड़ू कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की हमने अपने वेबसाइट पर प्रकाशित की थी. जिसका शीर्षक हमने दिया था कि “बिगड़ रहा सरायकेला का शैक्षणिक माहौल…” क्या ये सही नहीं है ? जिले में पिछले हफ्ते घटित दोनो घटनाओ पर शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल नहीं उठने चाहिए ? क्या आवासीय विद्यालय की बालिकाओं को बंधक नहीं बनाया गया था ? क्या विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक के बीच में ही विद्यालय की वार्डन रेखा महतो ने खुद को आइसोलेट नहीं किया था ? अब आइये आपसे अंतिम सवाल करते हैं. जब शिक्षा विभाग में सब कुछ सामान्य और सही है तो आपने एनआर + 2 हाई स्कूल सरायकेला की प्रभारी प्रधानाचार्य विमला प्रधान को शो कॉज करते हुए उनका वेतन क्यों स्थगित किया ? क्यों विद्यालय के तीन- तीन शिक्षकों को प्रभार मुक्त किया ? वह भी ऐसे समय में जब मैट्रिक और इंटर की परीक्षा सर पर है. क्या इससे जिले का शैक्षणिक माहौल नहीं बिगड़ेगा. यदि परिणाम अपेक्षित नहीं होंगे तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? हम आशा करते हैं आप जरूर हमारे खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करें. आपके लिए हम भी अपनी तैयारी किए बैठे हैं. इसे आप हमारी चुनौती ही मान लें.