चाईबासा: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर संथाल परगना से शुरू हुआ बीजेपी का परिवर्तन संकल्प यात्रा अब समापन की ओर है. कोल्हान में भी यह यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है. आगामी 1 अक्टूबर को कोल्हान मुख्यालय चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में परिवर्तन यात्रा का समापन होगा. इसमें उड़ीसा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा सहित पार्टी के कई बड़े नेता पहुंचेंगे. इसे सफल बनाने को लेकर बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है.
शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी की ओर से इस परिवर्तन यात्रा में अधिक से अधिक लोगों के पहुंचने और राज्य सरकार की विफलता की जानकारी प्राप्त करने की अपील की गयी. इसमें प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबित, मनोज महतो, अनूप सुल्तानिया, लालमुनि पूर्ति, गीता बलमुचू आदि मौजूद रहे. मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुविद ने बताया कि राज्य में इस बार परिवर्तन तय है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता त्राहिमाम कर रही है. इसबार जनता ने मन बना लिया है कि इस सरकार को बदल कर रहेगी. उन्होंने दावा किया कि इसबार कोल्हान के सभी 14 सीटों पर बीजेपी जीत हासिल करने जा रही है. एक सवाल के जवाब में श्री तुबित ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पार्टी में आने से कोल्हान ही नहीं पूरे राज्य में इसका असर देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जिस तरह से विकास योजनाओं की शुरुआत की थी हेमंत सोरेन उसे बर्दाश्त नहीं कर सके और आंदोलनकारी आदिवासी नेता को अपमानित करके गद्दी से उतार दिया. उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन सर्वमान्य नेता हैं और पार्टी उनका सम्मान करती है. वही प्रदेश प्रवक्ता ने पार्टी में चार- चार पूर्व मुख्यमंत्री के सवाल पर कहा कि बीजेपी में एक साधारण कार्यकर्ता को भी वही सम्मान मिलता है जो बड़े नेताओं को मिलता है. केंद्र सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए एक से बढ़कर एक योजनाओं की शुरूआत की है. राज्य सरकार उन योजनाओ को आदिवासियों तक पहुंचने नहीं दे रही है.
वहीं मैया सम्मान यात्रा को लेकर भाजपा नेत्री गीता बलमुचु ने मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान कल्पना सोरेन महिलाओं को यह कहकर गुमराह कर रही है कि हेमंत सोरेन यदि जेल नहीं जाते तो इस योजना के तहत महिलाओं को सात किस्त दिया जाता. उन्होंने इसे खारिज करते हुए सवाल किया कि 5 साल सत्ता में रहते क्या कर रहे थे. हेमंत सोरेन जेल गए थे तब सत्ता झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास ही थी. यदि महिलाओं की चिंता होती तो इसे चार साल पूर्व क्यों लागू नहीं किया. उन्होंने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया और कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब जरूर देगी. पूरे कोल्हान में परिवर्तन की लहर दौड़ रही है.