आदित्यपुर: जमीन के एवज में फर्जी जमीन दिखाकर 13 लोगों को चूना लगानेवाले जालसाज बिल्डर संतोष राय और रंजीत झा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. इसके साथ ही दोनों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. वहीं ठगी के शिकार लोगों ने आदित्यपुर थाने में आवेदन देकर दोनों जालसाज बिल्डरों को गिरफ्तार करने की मांग की है. वैसे इसमें संतोष राय के पिता युगल किशोर राय का भी नाम शामिल है जिनका जमानत अभी रद्द नहीं हुआ है.
पीड़ितों ने बताया कि उनके द्वारा 7 साल पूर्व संतोष राय पिता युगल किशोर राय और रंजीत झा से गम्हरिया रेलवे स्टेशन के समीप जमीन का सौदा किया गया था. जमीन के एवज में उनके द्वारा 45. 48 लाख रुपये जमा कराए गए थे. मगर उन्हें आज तक जमीन का पोजिशन नहीं दिया गया. जिससे क्षुब्ध 13 लोगों ने साल 2021 में आदित्यपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया जिसका केस नम्बर 119/ 21 है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 422, 467, 468, 471 और 506/34 दर्ज किया गया. शिकायत करने वालों में ललित कुमार पंडित, राजेश लाल, गजेंद्र मिश्रा, संजीत कुमार, रंजीत कुमार, अजीत कुमार, रंजीत सिंह, गणेश प्रसाद, शोभा देवी, जगदीश चौधरी, मनोज कुमार राय, शुभेंदु सेन और रंजीत लाल गुप्ता शामिल हैं.
इन्होंने बताया कि तीनों जालसाजों ने उनके शिकायत के आधर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरायकेला के यहां 24 मार्च 2022 को जमानत याचिका दाखिल की. जिसका वाद संख्या 42/ 2022 और 43/ 2022 जिसे खारिज कर दिया गया. तीनों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने शपथ पत्र दाखिल करते हुए पैसे लौटाने की शर्त पर जमानत देना स्वीकार किया. जिसका आदेश संख्या 4048/ 22 है. उसके बाद तीनों ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरायकेला के समक्ष 19 सितंबर 2022 को शपथ पत्र के साथ आत्मसमर्पण किया, जहां से तीनों को जमानत मिल गयी. मगर पैसे नहीं लौटाए. उसके बाद पुनः याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया. जहां पुनः सभी ने 25 अगस्त 2023 को सीआरएमपी याचिका दायर किया गया जिसका वाद संख्या 1050/2023 है. इसपर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने 29 अगस्त को तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए सरेंडर करने का आदेश दिया. इधर हाईकोर्ट के आदेश को तीनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जहां सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी संतोष कुमार राय और रंजीत झा की अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है, जबकि आरोपी युगल किशोर राय के उम्र को लेकर याचिका को होल्ड पर रखा गया है. बताया जा रहा है कि युगलकिशोर राय ने हलफनामे में अपना उम्र गलत दिखया है, ताकि उन्हें जमानत मिल सके.
इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने एसडीपीओ से मुलाकात की थी. एसडीपीओ ने जांच अधिकारी को आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. मगर अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. बता दें कि संतोष कुमार राय का आदित्यपुर में राय मार्केट और राय गेस्ट हाउस संचालित होता है. जो शहर के बीचोंबीच स्थापित है. बड़ा सवाल ये है कि विगत सात सालों से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है जबकि सभी आरोपी खुलेआम धोखधड़ी कर घूम रहे हैं.