गम्हरिया : गम्हरिया के चित्रगुप्त भवन में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और चित्रगुप्त महासमिति के संयुक्त तत्वावधान में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती समारोह का आयोजन किया. समारोह की अध्यक्षता महासभा के जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश ने किया. इस मौके पर सदस्यों ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर और पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. इस मौके पर अपने सम्बोधन में जिलाध्यक्ष ने नेताजी सुभाष चंद्र को देश की महान विभूति की संज्ञा देते हुए कहा है ऐसे महापुरुष युग युग तक जीवंत रहते हैं.
उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है. अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए जापान के सहयोग से ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया था. नेताजी द्वारा दिया गया ‘जय हिंद’ का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा है. इस मौके पर उपस्थित चित्रगुप्त महासमिति के उपाध्यक्ष केएम श्रीवास्तव ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के मन में देशप्रेम, स्वाभिमान और साहस की भावना बचपन से ही बड़ी प्रबल थी.
सुभाष चंद्र बोस अंग्रेज शासन का विरोध करने के लिए अपने भारतीय सहपाठियों का भी मनोबल बढ़ाते थे. इस मौके पर कायस्थ महासभा के जिला महासचिव गिरीश चंद्र प्रसाद, चित्रगुप्त महासमिति के महासचिव प्रणव शंकर, राजेश श्रीवास्तव, रत्नेश्वर सहाय, सुभाष प्रसाद, नरेंद्र कर्ण, देवब्रत कुमार, अभय लाभ समेत काफी संख्या में सदस्य उपस्थित थे.