खरसावां : कुचाई में ग्राम सभा मंच और मानकी मुंडा संघ के द्वारा पेसा दिवस मनाया गया. इस दौरान मुंडा मानकियों को ग्राम सभा तथा विलकिंगसन रूल और मानव अधिकार, सीएनटी व एसपीटी एक्ट तथा भूमि अधिग्रहण, सामुदायिक वन पालन आदि पर जानकारी दी गई. कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन झारखंड जंगल बचाओं आन्दोलन के केन्द्रीय प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने दीप प्रज्जलीप कर किया. मौके पर सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि पेसा 5वीं अनुसूचित क्षेत्रों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण विधि है. ये अधिनियम अनुसूचित जनजातियों के लिए एक सुरक्षा कवच है. ग्राम सभाओं के आत्मा ईसी अधिनियम में स्तंभ के रूप में खड़ा है.
उन्होंने बताया इस अधिनियम को विधि के रूप में मान्यता स्थापित करवाने में वीडी शर्मा तथा दिलिप सिंह भूरिया का अविस्मरणीय योगदान रहा है. उन्होने कहा कि झारखंड सरकार ने 2001 को झारखंड पंचायती राज्य अधिनियम बनाया. लेकिन पेसा के अनुरूप नहीं बनाया. मौके पर मौजूद सुखराम मुंडा ने कहा कि पेसा कानून 1996 में जो अधिकार विधि सम्मत प्रदान कीये गये हैं. उन्हें ग्राम सभाओं में लागू किया जाए.
वहीं रामकृष्ण मुंडारी ने कहा कि पेसा 1996 को सरकार धरातल पर लागू करे. अनुसूचित जनजातियों का आशा था कि गैर भाजपा सरकार बनेगा तो पेसा 1996 लागू होगी. लेकिन ऐसा न होने के कारण ग्रामीणों में वर्तमान सरकार के प्रति विश्वनीयता घटते जा रही है. कार्यक्रम में रसाय मु्ंडा, पेंडे मुंडा, मानकी बानडरा, आशोक मानकी, भरत सिंह मुंडा, रवकन बांकिरा, पोदुराम मुंडा समेत अन्य उपस्थित थे.