By Afroz Mallik मुहर्रम का त्यौहार शुरु हो चुका है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है. यानी मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना होता है. बकरीद के लगभग 20 दिनों के बाद मुहर्रम मनाया जाता है. इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना बहुत अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी.
हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे. उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के 10 वें दिन को लोग शहादत दिवस के तौर पर मनाते हैं.
क्यों मनाया जाता है मुहर्रम ?
इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मोहर्रम माह के 10 वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे. उनकी शहादत और कुर्बानी के तौर पर इस दिन को याद किया जाता है. कहा जाता है कि इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह था, जो इंसानियत का दुश्मन था. यजीद को अल्लाह पर विश्वास नहीं था. यजीद चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन भी उनके खेमे में शामिल हो जाएं, हालांकि इमाम साहब को यह मंजूर न था. उन्होंने बादशाह यजीद के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया. इस जंग में वह अपने बेटे, परिवार और अन्य साथियों के साथ शहीद हो गए. इसी की याद में मुहर्रम मनाया जाता है.