चांडिल/ Sumangal Kundu रविवार को पातकोम दिशोम मांझी पारगाना महाल का 21वां वार्षिक सम्मेलन समपन्न हुआ. सम्मेलन तीन दिनों तक चला. सम्मेलन में संथाल समाज को एक सशक्त समाज बनाने के लिए मंथन हुआ.
संथाल समाज में शादी विवाह के समय जो सामाजिक प्रचलन है, उसी के अनुसार चलने, पन टाका या वधु मुल्य यथावत लेने. संथाल समाज में शादी विवाह में जो सामाजिक प्रचलन है उसे बरकरार रखने, जनगणना में सारना धर्म कोर्ड लिखने, बच्चों को ओलचिकी लिपि में प्राईमरी से पीजी तक पढ़ाई कराने जैसे कई अहम निर्णय लिए गए. वहीं मांझी पारगाना महाल के वार्षिक सम्मेलन में संथाल समाज के बच्चों को शिक्षा का महत्व बताने, समाज से कुरीतियों को हटाने, सहित अन्य मुद्दे पर मंथन हुआ.
पारगाना रामेश्वर बेसरा ने कहा संथालों के समाजिक व्यवस्था धर्म, संस्कृति, खान- पान हो पूजा पद्धति लगातार बाहरी तत्व द्वारा संथाल समाज में चौतरफा हमला हो रहा है. कहा गांव के मांझी बाबा जागे और एकजुट हो, नहीं तो आने वाले समय में संथाल समाज का इतिहास खत्म करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा संथाल समाज की पारंपरिक मांझी परगाना महाल को समाज के ही कुछ एजेंट किस्म के लोग महाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मांझी पारगाना महाल इसे कतई बरदाश्त नहीं करेंगा. आने वाले समय में मांझी परगाना महाल ऐसे लोगों को जबाब देने को तैयार है.
श्यामल मार्डी ने कहा समाज के लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा का तालिम दिलाएं तथा शिक्षित बनाए, साथ ही समाज से कुरीतियों को हटाएं, तभी संथाल समाज आगे बढ़ेगा. मौके पर गुरूचरण किस्कू सुखराम हेम्ब्रम, सुधीर किस्कू, बुद्धेश्वर मार्डी, हाड़ीराम सोरेन, नेपाल बेसरा, हाराधन मार्डी संजीव टुडू परेश सोमचांद मार्डी समेत कई लोग उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur