ADITYAPUR: झारखंड सरकार लाख दावे कर ले मगर जन वितरण प्रणाली के डीलर अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं ला सकते. सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड के डीलरों को किसी का खौफ नहीं, न सरकार का न विभाग का. कारण कि कभी अधिकारी जमीनी स्तर पर लाभुकों की समस्या जानने नहीं पहुंचते. यही वजह है कि डीलर भोले- भाले लाभुकों की हकमारी पर उतारू रहते हैं.
आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों गम्हरिया प्रखंड के इटागढ़ गांव में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया था. जहां मां लक्ष्मी स्टोर से सरकारी चावल की कालाबाजारी करते ग्रामीणों ने डीलर को पकड़ा था. हालांकि खबर वायरल होने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी सह एमओ मारुती मिंज ने संज्ञान लेते हुए डीलर का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की है, हालांकि जिला आपूर्ति विभाग की ओर से अभी ऐसी अधिसूचना जारी नहीं की गई है.
इधर ताजा मामला गम्हरिया प्रखंड का ही है. जहां बंतानगर हरिजन बस्ती के कार्ड धारियों को डीलर बंतानगर विकास समिति द्वारा विगत 3 माह से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत न ही खाद्यान्न दिया जा रहा है, न ही सोना- सोबरन धोती- साड़ी योजना के तहत धोती- साड़ी ही दी जा रही है. इसकी जानकारी मिलते ही पूर्व पार्षद संदीप साहू मंगलवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचे और प्रखंड विकास पदाधिकारी सह एमओ मारुती मिंज से मुलाकात कर डीलर के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई. मामला संज्ञान में आते ही बीडीओ सह एमओ ने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए डीलर को फोन कर 4 दिनों के भीतर लाभुकों को खाद्यान्न एवं धोती- साड़ी बांटने का निर्देश दिया. वैसे अहम सवाल यह है, कि डीलर द्वारा पिछले 3 महीने से गरीबों का हक मारी क्यों किया गया था ! क्यों उन्हें समय पर खाद्यान्न और वस्त्र नहीं दिया गया ? पूर्व पार्षद संदीप साहू ने बताया कि डीलर द्वारा क्षेत्र के गरीब और अनपढ़ लाभुकों को कभी भी समय पर खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया जाता है. वैसे उन्होंने यह भी कहा कि यदि 4 दिनों के भीतर लाभुकों को उनका हक नहीं मिलता है, तो उपायुक्त से शिकायत की जाएगी.
Reporter for Industrial Area Adityapur