सरायकेला: मंडल कारा में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जेल अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. जेल अदालत में कई बंदियों द्वारा दिए गए आवेदन में कुल 11 मामलों पर विचार किया गया, जिसमें से तीन मामलों का निष्पादन हुआ व आठ अभियुक्त मुक्त किये गये.
वहीं, दो मामले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और एक मामला अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से निष्पादित हुआ. सुधारगृह के बंदियों को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव क्रांति प्रसाद ने उन्हें सुधार गृह में आत्ममंथन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इंसान कोई अच्छा या बुरा नहीं होता, उसके अंदर का गुण या अवगुण उसके अच्छाई और बुराई को बताता है. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए, प्ली बारगेनिंग और विभिन्न अन्य कानूनों के बारे में भी जानकारी दी.
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा विधिक सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी गई. यह भी बताया गया कि अगर कोई कैदी जो गरीब है, महिला या अनुसूचित जाति जनजाति के लोग मुकदमा लड़ने के लिए बिल्कुल नि:शुल्क वकील और अन्य विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंजू कुमारी, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कवितांजली टोप्पो, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार क्रांति प्रसाद, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सुशील पिंगुआ, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अमित आकाश सिन्हा, सहायक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह, स्थानीय कारागार के अधीक्षक हिमानी प्रिया, न्यायालय के कर्मी, कारागार के कर्मी और सुधारगृह के तमाम बंदी उपस्थित रहे.