चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma पन्द्रह वर्षों के बाद मेंस यूनियन का ज़ोनल पीएनएम, गार्डेन रिच, कोलकत्ता में सम्पन्न हुआ. इस पीएनएम में मुख्य रूप से जीएम अर्चना जोशी, पीसीपीओ, महुआ वर्मा, पीसीओएम दीपक झा एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि अपने विभाग के तमाम पदाधिकारियों के साथ उपस्थित थे.
मेंस यूनियन चक्रधरपुर मंडल से, उपाध्यक्ष, शिवजी शर्मा अति० महासचिव, जवाहरलाल, मंडल संयोजक, एमके सिंह उपस्थित थे. यह मीटिंग दो दिनों तक चला जिसमें रेलवे कर्मचारियों के समस्याओं पर बहुत ही गंभीरता पूर्वक चर्चा की गई जिसमें रेलवे अस्पताल मे हो रही समस्याओं को पुरजोर तरीके से रखा गया.
जिसमें मुख्य रुप से डाक्टरों की संख्या बढाने, रेलवे हॉस्पिटल से जरूरत मंद पेशेंट का, निजीअस्पतालों में रेफरल काआसान तरीका अपनाने, एवं जोन के सभी रनिंग रूम में सुविधाओं के कमी की भी चर्चा किया गया. अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा. साथ में लेसिक के संबंधित जो भी कार्रवाई की गई है, उसे वापस लिया जाएगा, तथा रेलवे बोर्ड के नियमानुसार उन्हें दुसरे कार्य पर रखा जाएगा.
किलोमीटर भत्ता पर चर्चा किया गया जिसे तुरंत दूर करने का आश्वासन मिला. साथ में जोन के सभी मंडलों में बकाया, टीए, ओटी, तथा मेडिकल क्लेम आदि सभी बकाया किस्तों को अक्टूबर तक अपडेट कर दिया जाएगा. लोको पायलट तथा ट्रेन मैनेजर रेलवे बोर्ड द्वारा जारी 9 घंटे से अधिक कार्य पर भी चर्चा की गई. इस पर अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया स्टाफ के कमी के कारण समस्या हो रहा है. इसके समाधान के लिए पूरे जोन में लोको पायलट, और गार्ड की भर्ती की जाएगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड से पोस्ट स्वीकृत करा लिया गया है.
रनिंग स्टाफ के लिए जहां किसी तरह का सुविधा नहीं है वहां लाॅबी भी बना दिया गया है, इस बात को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के उपाध्यक्ष कामरेड गौतम मुखर्जी ने पुरजोर तरीके से रखा, जिसमें अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन मिला की धोतरा लॉबी, एम ओ सी एल में बनाए गए लाॅबी पर चर्चा करने के लिए मंडल के विद्युत परिचालन अधिकारियों से चर्चा कर इसका समाधान निकाला जाएगा. रेल कर्मचारियों के बहुत ऐसे मुद्दों को रखा गया जिसमें अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए समाधान किया तथा समाधान निकालने का आश्वासन दिया.
मेंस यूनियन का पीएनएम आरंभ होने से चक्रधरपुर मंडल के सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर है और उन्हें मेंस यूनियन पर पूरा भरोसा है कि रेलवे कर्मचारियों के समस्याओं के समाधान के लिए एकमात्र यूनियन है जो कर सकती है.