16 कलाओं की नगरी कही जाने वाली सरायकेला में धार्मिक संस्कारों की भी अपनी विशेष पहचान रही है. जिसके तहत रविवार को संबंधित घरों में परंपरा अनुसार षष्ठी पूजा का आयोजन किया गया. जहां परंपरागत तरीके से षष्ठी माता की आराधना करते हुए भक्तों ने माता से सुख शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की


इसी प्रकार स्थानीय धार्मिक परंपराओं एवं अनुष्ठानों के निर्वहन के तहत प्रशासन द्वारा षष्ठी पूजा का आयोजन किया गया. सरायकेला के पुराने बस स्टैंड चौक स्थित सरकारी दुर्गा मंडप में इस अवसर पर बतौर यजमान राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र सरायकेला के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक पूजा में शामिल हुए. इस अवसर पर पंडित गोपाल कृष्ण होता द्वारा मंत्रोच्चार के बीच मां षष्ठी और माटी की पूजा संपन्न कराई गई. मौके पर निदेशक द्वारा बताया गया कि परंपरा के अनुसार षष्ठी पूजन उत्सव के अवसर पर माटी की पूजा की जाती है, और उसी माटी से मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण किया जाता है. आने वाले आगामी शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा के इस माटी से बने प्रतिमा के पूजा करने की परंपरा रही है.

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