Gujarat New CM: विजय रुपाणी के इस्तीफा (Vijay Rupani Resigns) देने के बाद गुजरात का अगला मुख्यमंत्री (New Chief Minister) कौन हो, इसका फैसला करने के लिए बीजेपी ने आज (रविवार) विधायक दल की बैठक बुलाई है. सीएम पद की रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं. लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि नए मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी एक बार फिर से चौंका सकती है. इससे पहले जब रुपाणी को पिछली बार सीएम बनाया गया था, तब नितिन पटेल का नाम इसके लिए आगे चल रहा था. हालांकि, बाद में जब सीएम के नाम की घोषणा की गई, तब सभी को सरप्राइज करते हुए रुपाणी के नाम का ऐलान हुआ. अभी जो नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं, उसमें एक नाम डिप्टी सीएम नितिन पटेल का भी है, जोकि अभी डिप्टी सीएम हैं. वहीं, पाटीदार समुदाय से आने वाले केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम भी शामिल हैं. लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल और गोरधन झड़फिया भी उनमें शामिल हैं, जिन्हें गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
गुजरात का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर चर्चा चल रही है. मनसुख मंडाविया, नितिन पटेल समेत कई नाम रेस में आगे चल रहे हैं. कल तक सीआर पाटिल का भी नाम रेस में बना हुआ था, लेकिन उन्होंने खुद कहा कि वह रेस में नहीं हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी पहले की तरह इस बार भी गुजरात में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सभी को चौंका सकती है. जब आनंदी बेन पटेल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था और विजय रुपाणी गुजरात के बीजेपी चीफ थे, तब उनसे सवाल किया गया था कि क्या आप भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्होंने भी जवाब दिया कि वह इस रेस में हैं ही नहीं. ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी इस बार भी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई बड़ा सरप्राइज दे सकती है.
विजय रुपाणी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का काफी करीबी माना जाता है. सूत्रों के अनुसार, दो दिन पहले अचानक ही अमित शाह ने रात के समय गुजरात का दौरा किया था, जिसके बाद सुबह वह वापस चले गए थे. इस दौरान, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग भी की गई थी, जिसमें यह अहम फैसला लिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को हटाए जाने के बाद गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल में भी कई बड़े बदलाव हो सकते हैं. कई मौजूदा मंत्री को हटाया जा सकता है, जबकि कुछ नए मंत्री बन सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरएसएस के जरिए एक सर्वे किया गया था, जिसमें विजय रुपाणी के चेहरे के आधार पर बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना मुश्किल लग रहा था