सरायकेला: बीते 12 नवंबर को सरायकेला जिले के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टॉल प्लाजा से कांड्रा थाना पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के संयुक्त छापेमारी के दौरान छः राज्यों के मोस्ट वांटेड कुख्यात नक्सली सरगना प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ बूढ़ा को उसकी नक्सली पत्नी शीला मरांडी के साथ उसके चार अन्य सहयोगी नक्सलियों वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बाहंदा और गुरु चरण बोदरा के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी.
राज्य पुलिस महानिदेशक ने राजधानी रांची में इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि राज्य पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी, कि राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों को एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस के भ्रमणशील होने की गुप्त सूचना मिलने के बाद इंटेलिजेंस की मदद से जाल बिछाया गया और इस दुर्दांत नक्सली को उसकी पत्नी और अन्य सहयोगियों संग कांड्रा गिद्दीबेड़ा टॉल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया.
हमारे पास जो सूचनाएं हैं उसके अनुसार नक्सली सरगना पारसनाथ से पश्चिमी सिंहभूम की ओर जा रहा था. अब सवाल उठता है कि आखिर राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसी यदि चाहती तो, पारसनाथ से लेकर कांड्रा के बीच कहीं से भी गिरफ्तार कर सकती थी मगर कांड्रा से ही क्यों गिरफ्तार किया गया ! अगर कांड्रा थाना क्षेत्र से इस दुर्दांत नक्सली की गिरफ्तारी हुई है, तो इस सफलता का सेहरा किसके सर बंधना चाहिए ये अहम सवाल है. जिला पुलिस कप्तान की पूरे मामले में चुप्पी और जिले के वरीय अधिकारियों के अचानक सक्रियता से साफ समझा जा सकता है कि क्रेडिट लेने की होड़ सभी को है. वैसे नक्सलियों के गिरफ्तारी से संबंधित जप्ती सूची कांड्रा थाने में ही दर्ज कराए जाने की सूचना मिली है. राज्य पुलिस के आलाधिकारियों के राजधानी रांची में प्रेस कांफ्रेंस के बाद से ही इस मैच के मैन ऑफ द मैच की होड़ शुरू हो गई है. कई अधिकारियों को पहले दिन की सफलता के बाद गौण कर दिया गया. बहरहाल सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एक करोड़ के इनामी दुर्दांत नक्सली प्रशांत बोस, उसकी नक्सली पत्नी शीला मरांडी, वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बाहंदा और गुरु चरण बोदरा के साथ राजधानी रांची स्थित होटवार जेल शिफ्ट कर दिया गया है. मगर सवाल फिर वही, कि इस मैच का मैन ऑफ द मैच कौन होगा !