Bokaro झारखंड के बोकारो में इन दिनों जीवन रक्षक दवाइयों का खेल जारी है. जहां सबूत मिटाने के लिए लगभग 10 लाख की कीमती दवाओं को जलाने का प्रयास किया गया.
आखिर इस खेल के पीछे कौन सा सिंडिकेट बोकारो में कार्यरत हैं, इसका खुलासा होना चाहिए. बोकारो के चास स्थित आईटीआई मोड़ के पास अमृत पार्क के बगल में फोरलेन के किनारे फेंकी गई लाखो रुपये की कीमती जीवन रक्षक दवाइयों को जलाने के मामले की जांच ड्रग इंस्पेक्टर की तीन सदस्यीय टीम ने शुरू कर दी है.
तीन सदस्यीय टीम के साथ मौके पर पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर ने दवाइयों का सैंपल इकट्ठा किया और इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इस मामले में औषधि निरीक्षक आलोक कुमार ने बताया, कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नकली वैक्सीन का मामला सामने आया था, उसी तरह से यह मामला भी नकली दवाइयों का हो सकता है.
उन्होंने बताया कि मौके से एचआईवी जांच किट भी बरामद किया गया है जिसकी मैन्युफैक्चरिंग चाइना में की गई है. उन्होंने बताया, कि इस किट में बैच नंबर अंकित नहीं है, जबकि इम्पोर्ट नंबर इसमें अंकित किया गया है. उन्होंने बताया कि जो दवाइयां यहां जलाई गई है, वह जीवन रक्षक दवाइयां, विटामिन सहित कई अन्य दवाइयां है जो अभी एक्सपायर नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. संबंधित कंपनी को बैच नंबर के साथ इसकी सूची भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से लाखो रुपये की दवाइयां रात में जलाई गई है. इसमें सरकारी दवाईयों के होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि जांच के बाद स्पष्ट किया जा सकता है. बताते चलें कि गुरुवार को फोरलेन के किनारे दवाइयों के फेंके जाने का मामला मीडिया में आने के बाद देर रात उसे जलाने का प्रयास किया गया है. जिस प्रकार से दवाइयों को जलाया गया है, कहीं ना कहीं मामला गंभीर और संदिग्ध नजर आ रहा है. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई ओर मोके पर औषधि निरीक्षक की तीन सदस्यीय टीम को भेजा गया ओर शैम्पल लिया गया है.
आलोक कुमार (ड्रग इंस्पेक्टर- बोकारो)