कहां हैं आदित्यपुर के रहनुमा ! सामाजिक न्याय की बात करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बीते 17 नवंबर को आदित्यपुर थाना अंतर्गत वार्ड 17 के हरिओमनगर रोड नंबर 5 में हुए खूनी संघर्ष में क्यों चुप्पी साध रखी है ?
क्या पीड़ित पक्ष छोटी जाति के हैं इसलिए ! या उनका कोई गॉडफादर नहीं है इसलिए ? सरायकेला जिले के आदित्यपुर में दर्जन भर सामाजिक संगठन सामाजिक न्याय की दुहाई देते नजर आते हैं
, मगर इस अन्याय के खिलाफ उनकी चुप्पी हर किसी को चुभने लगी है. हद तो ये है कि बुरी तरह पिटने के बाद अब पीड़ित परिवार पर उल्टा आरोपियों द्वारा काउंटर केस दर्ज करते हुए केस में समझौता का दबाव बनाया जा रहा है. आलम ये है कि घटना के तीन दिन बीत चुके हैं पुलिस ने मामले के आरोपियों को गिरफ्तार करना भी जरूरी नहीं समझा. महज एक आरोपी को गिरफ्तार कर कागजी कार्रवाई कर पल्ला झाड़ लिया है. जबकि पीड़ित पक्ष एफआईआर की रिसीविंग के लिए आजतक थाने की दौड़ लगा रहा है. इससे भी हैरान करने वाला मामला ये है कि आरोपियों द्वारा पीड़ित परिवार की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद भी समाज के कुछ संभ्रांत लोग थाने में पैरवी करने जुटे. आखिर कहां जा रहा है समाज ! इसपर गंभीर होने की जरूरत है. सभ्य समाज के सभ्य दरिंदों ने सभ्य लोगों के बीच जानवरों की तरह एक परिवार की महिला, बुजुर्ग और युवक की बेरहमी से पिटायी की. सभ्य समाज के सभ्य लोगों ने इतनी हिम्मत नहीं जुटाई, कि उन दरिंदों का विरोध कर सके, उल्टा अपने- अपने घरों के दरवाजे बंद कर तमाशबीन बने रहे. वाह रे समाज वाह सामाजिक न्याय की दुहाई देनेवाले रहनुमा. वाह पुलिस…
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Abhitak sir 1 hi arrest huaa baki sabhi ko arrest nahi kiya gaya , hamare ghar pe roj dhamki aata hai ki compromise kar lene or case wapas lene ke liye, hamlog ka help kare or sach ka sath Jaise aaplog dete aaye hai waise hi dete rahiye iske liye mai aapka bahut aabhari rahunga.aaplog hi hamlog ka aawaj hai isliye please hamara help kijiye .