जनजातीय श्रमिकों का कल्याण के लिए उन्हें जागरूक होना जरूरी है अन्यथा वे केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ से वंचित रहेंगे. ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की कमी के कारण जनजातीय श्रम बल शोषण का शिकार हो रहे हैं, उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल पा रहा है जो अत्यंत चिन्ताजनक है. उक्त बातें झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री व मंझगांव विधानसभा के पूर्व विधायक बड़कुंवर गागराई ने राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय -जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित मझगांव प्रखंड अन्तगर्त ग्राम हल्दिया स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रांगण में “द्विदिवसीय अनुसूचित जन जाति श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम” जो दिनांक 17 से 18 नवंबर,2021 को किया गया उक्त कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही. आगे श्री गागराई ने बोर्ड के भूमिका की अपने मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए श्रम जगत के प्रगति के लिए बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को नितांत आवश्यक बताया.
कार्यक्रम का उद्घाटन बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी श्री राज किशोर गोप ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा एवं गरीबी उन्मूलन योजनाओं पर चर्चा करते हुए इसका लाभ उठाने के लिए जागरूक होकर आगे आने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया. दुनिया में हो रहे वैज्ञानिक परिवर्त्तन की जानकारी देते हुए तथा प्रधानमंत्री के डिजीटल इंडिया के सपना को साकार करने के लिए शिक्षा तथा जागरूकता को नितांत जरूरी बताया. इस दिशा में बोर्ड पूरे देश में श्रम जगत का मार्गदर्शन तथा प्रेरणा हेतु सदैव प्रयत्नशील है.
कार्यक्रम में घोड़ाबंधा पंचायत के पूर्व मुखिया बुधराम हेम्ब्रम ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए लोग लापरवाही नहीं बरतें. टीकाकरण के प्रति जनजातीय समाज में फैले नकारात्मक भ्रान्तियों तथा विचारों से दूर रहने को कहा.
कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक पीताम्बर राउत ने किया. उन्होंने प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा/जीवन ज्योति बीमा योजना, एकलव्य विद्यालय एवं ई-श्रम कार्ड हेतु निबन्धन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दिया. इस कार्यक्रम में हल्दिया, हेपेरबुरु तथा डोसाई के 80 महिला एवं पुरूष श्रमिकों ने भाग लिया.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती जेरमेना कुजूर, पारा शिक्षक अश्विनी बारीक, विजय कुमार दास, आदिवासी युवा क्लब बेनीसागर के महासचिव महेन्द्र प्रसाद गोप, सामाजिक कार्यकर्ता गोविन्द चन्द्र गोप, वासुदेव महाराणा, मो मोहसिन, मो मकबूल, जगदीश नायक, रविन्द्र हेम्ब्रम आदि का सराहनीय योगदान रहा.
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