सोनुआ/Jayant Pramanik खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज़िला के उप-विकास आयुक्त संदीप बक्शी से मंगलवार को मिलकर मनरेगा में हो रही समस्याओं पर कार्यवाई की मांग की और मांग पत्र दिया. प्रतिनिधिमंडल ने उप- विकास आयुक्त को कहा कि पिछले कुछ महीनों में कई गावों के मज़दूरों ने काम न मिलने, लंबित मज़दूरी भुगतान एवं एनएमएमएस व एबीपीएस सम्बंधित शिकायत प्रखंड व ज़िला स्तर पर कई बार किया है. मंच द्वारा भी ऐसी कई शिकायतों को ज़िला प्रशासन को 25 अप्रैल 2023 को दिया गया था, लेकिन आज तक अधिकांश शिकायतों पर कार्यवाई नहीं हुई है.
यह ज़िला की मनरेगा मज़दूरों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है. मंच ने फिर से विभिन्न प्रखंडों के मनरेगा मज़दूरों के शिकायतों का बंडल उपविकास आयुक्त को दिया.
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अभी मज़दूरों को काम की ज़रूरत है लेकिन ज़िला के अनेक गावों में कई महीनों से एक भी कच्ची योजना का कार्यान्वयन नहीं किया गया है. काम की मांग करने के बाद भी समय पर सभी मज़दूरों को काम नहीं दिया जाता है. ऐसे मज़दूरों का बेरोज़गारी भत्ता का मांग भी लंबित है. पिछले कई महीनों में ज़िला में बड़े पैमाने पर मज़दूरों का जॉब कार्ड गलत कारण दर्ज कर जैसे –काम करने में अनिच्छुक, मर गए आदि – एवं बिना उन्हें सूचना दिए रद्द किया गया है.
साथ ही, मज़दूरों द्वारा किए गए काम व उपस्थिति को एमआईएस में जीरो कर देना आम बात हो गयी है. कई बार तो पूरे मस्टर रोल ही जीरो कर दिया जाता है. इससे मज़दूर अपने मेहनत की मज़दूरी से ही वंचित हो जाते हैं. (एनएमएमएस) और (एबीपीएस) के कारण अनेक मजदूरों का भुगतान बकाया है. वहीं दूसरी ओर, बिचौलियों और स्थानीय प्रशासन के मिलीभगत से बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी मस्टर रोल निर्गत कर चोरी किया जा रहा है. जिसके कारण कागज़ पर काम दिखता है लेकिन धरातल पर नहीं.
प्रतिनिधिमंडल ने उपविकास आयुक्त से शिकायतों का तत्काल निराकरण के साथ निम्न मांग किया:
.ज़िला के हर गाँव में मनरेगा अंतर्गत पर्याप्त संख्या में कच्ची योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू किया जाए. मज़दूरों की मांग अनुसार ससमय मस्टर रोल का सृजन कर कार्यस्थल पर ससमय पहुंचाया जाए.
•लंबित भुगतान का सर्वेक्षण करवा कर मुआवज़ा सहित भुगतान दिया जाए.
•मनरेगा में ठेकेदारी और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई किया जाए एवं दोषी कर्मियों व पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई सुनिश्चित की जाए. शिकायतों पर कार्यवाई सुनिश्चित की जाए.
•किसी भी परिस्थिति में काम किए गए मस्टर रोल को MIS में जीरो न किया जाए. ऐसा करने वाले दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाई की जाए.
•सभी कार्यस्थलों पर मनरेगा कानून अनुसार कार्यस्थल सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए.
•प्रशासन द्वारा नियमित रूप से योजनाओं का औचक निरिक्षण किया जाए और दोषियों पर कार्यवाई की जाए.
•किसी भी परिस्थिति में बिना भौतिक सत्यापन व ग्राम सभा के सत्यापन के बिना कोई भी जॉबकार्ड रद्द न किया जाए. प्रतिनिधिमंडल में मोरोन तामसोय, रामचंद्र माझी, संदीप प्रधान और सिराज दत्ता शामिल थे.