चाईबासा/ Ashish Kumar Verma आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए जवान राजेश कुमार को आज रांची स्थित सीआरपीफएफ हेडक्वार्टर में श्रद्धांजलि दी जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई गणमान्य लोग इस मौके पर शामिल हो सकते हैं. श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव छत्तीसगढ़ के गैरेली भेजा जाएगा.
बता दें कि गुरुवार को चाईबासा के टोटो में आईईडी ब्लास्ट हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ जवान राजेश कुमार शहीद हो गए. जबकि तीन जवान घायल हुए हैं. जिनमें से एक जवान की हालत गंभीर है. बता दें कि चाईबासा के टोटों इलाके में सीआरपीएफ 209 बटालियन, जिला बुल और झारखंड जगुआर के जवान सर्च अभियान चला रहे थे. इसी दौरान टोंटो के सरजोमबुरु और तुम्बाहाका गांव के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ. इसमें कोबरा बटालियन के जवान राजेश कुमार शहीद हो गए. जबकि तीन जवान घायल हो गए। जिन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया.
पोस्ट का चेंज ओवर करने के दौरान नक्सलियों ने दिया घटना को अंजाम
कोल्हान रिजर्व वन के टोंटो थाना अन्तर्गत तुम्बाहाका एवं सरजोमबुरु के बीच जंगल में 28 सितम्बर को कोबरा बटालियन के जवानों द्वारा पोस्ट का चेंज ओवर किया जा रहा था. इसी दौरान नक्सलियों ने आइईडी विस्फोट कर दिया. इस घटना में एक जवान राजेश कुमार शहीद हो गए और इन्स्पेक्टर भूपेन्द्र कुमार गंभीर रुप से घायल हो गये हैं. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार तुम्बाहाका से सरजोमबुरु की तरफ जाने वाले जंगल में कोबरा 209 बटालियन ने नक्सलियों से लड़ने हेतु अलग-अलग अस्थाई पोस्ट बनाए हैं. आज दोपहर लगभग 11 बजे कोबरा के जवान सर्च ऑपरेशन चलाते हुये पोस्ट का चेंज ओवर करने में लगे थे. इसी दौरान जमीन के अंदर पहले से लगाये गये आइईडी को नक्सलियों द्वारा विस्फोट किया गया, जिससे जवानों को भारी नुकसान पहुंचा.
पहाड़ियों व पगडंडियों पर पग-पग लगे हैं आइइडी बम
उल्लेखनीय है कि कोल्हान वन क्षेत्र की तमाम पहाड़ियों व पगडंडी पर पग-पग पर नक्सलियों ने वर्षों पहले से हजारों आइइडी लगा रखे हैं. उक्त जंगल व पहाड़ों पर पग-पग पर मौत सामने खडी़ नजर आती है. जहां हजारों की संख्या में आइईडी लगा हो, वहां खतरा कितनी अधिक है, इसका अंदाजा हाल की घटनाओं से लगाया जा सकता है. जमीन के अंदर वर्षों पूर्व से कहां-कहां आइइडी लगा हुआ है, उसकी पूरी जानकारी नक्सलियों को है. नक्सली कोबरा की गतिविधियां को छिप-छिप कर वाच करते रहे और आज मौका मिलते ही जमीन के अंदर पहले से लगाये गये आइइडी में कोडेक्स वायर या अन्य बिजली के तार को जोड़कर, तार को छिपाते हुये ऊंची पहाड़ी पर ले जाकर बैट्री के साथ घात लगाकर बैठ गये. जब कोबरा के जवान पोस्ट का चेंज ओवर करने लगे, इसी दौरान नक्सली आइइडी विस्फोट कर फरार हो गये.
बैट्री के सहारे नक्सली करते हैं विस्फोट
उल्लेखनीय है कि इतने घने जंगल में कोई व्यक्ति छिपकर बैठ जाये तो उसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी घटनाओं के दौरान नक्सली आइइडी लगाये स्थान से लगभग लगभग 200 से 500 मीटर तक की दूरी पर ऊंची पहाड़ियों पर आइइडी कनेक्टेड तार व बैट्री के साथ बैठते हैं. वे जहां बैठते हैं, वहां से पुलिस की गतिविधियों को छुपकर आसानी से देखते रहते हैं. जैसे ही पुलिस आइइडी के पास पहुंचती है, वैसे ही बैट्री के सहारे विस्फोट कर देते हैं. इस घटना को अंजाम देने के लिए एक ही नक्सली काफी होता है. ऐसे घने जंगल क्षेत्रों में लाख कोशिशों, प्रयास व सतर्कता के बावजूद पुलिस से चूक होना आम बात है. अपनी शहादत देकर भी जवान कोल्हान जंगल को नक्सलियों से मुक्त कराने हेतु दिन- रात लगे हुये हैं.