जगन्नाथपुर/ “कौन कहता आसमान मे सुराग नहीं हो सकता, बस तबियत से एक पत्थर तो उछालो तो यारों” यह कहावत चरितार्थ हुआ है पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर प्रखंड के कलैया पंचायत में.
जहां की दो गरीब सगी बहनो की जिससे कुदरत ने कुछ नाइंसाफी की की. दोनों ही बहनों के सर से महज चार- पांच वर्ष की उम्र मे पिता का साया छिन गया. कुदरत का इतने से भी मन नहीं भरा तो दोनों बहनो को कमर से दिव्यांग बना दिया. जिससे दोनों बिस्तर पर ही पड़ती थी, घर से पूर्ति दिघया मुख्य मार्ग तक छोटे वाहन या सायकल जाने लायक नहीं होने के कारण स्कूली पढ़ाई छूट गयी. जिसकी सूचना पिछले कई महीना पहले दैनिक समाचार पत्र और सोशियल मीडया के माध्यम से असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सूरज मुखी को मिली थी तो, उन्होंने आर्थिक रूप से सहयोग कर प्रखंड पदाधिकारियों के सहयोग से सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जगन्नाथपुर में उचित इलाज हेतु दाखिला करवाया. वहां भी एक बहन अनीता पूर्ति का आयुष्मान कार्ड नहीं होने के कारण उचित इलाज नहीं हो पाया. जो कि वह कुछ दिन अस्पताल में बिताकर पुनः घर लौट आयी.
इधर बाइलोर निवासी सोमबारी कुई अत्यंत गरीब नि:सहाय अपने तीन छोटे- छोटे बच्चों को लेकर टूटे हुए घर मे रहने को मजबूर थी. सूरज मुखी के लगातार प्रयास से आवास विभाग के पदाधिकारी लक्ष्मीकांत महानता, पंचायत रोजगार सेवक भरत लाल तिरया को सरकारी आवास लाभ दिलाने हेतु अनुरोध और प्रेरित किया गया गया. जिसके बाद उपायुक्त द्वारा आंचल अधिकारी ललित कुमार भगत को जांच का निर्देश दिया गया. सीओ ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को भेज दी है. रिपोर्ट में सीओ ने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और मूलभूत सुविधाओं को कैसे बहाल किया जाए इसकी भी जानकारी दिया है. सूरज मुखी ने भरोसा जताया है कि जल्द ही जिला प्रशासन की ओर से इन्हें अंबेडकर आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी. सूरज मुखी के प्रयासों की मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने मुक्त कंठ से सराहना की.