जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र से बीते 12 सितंबर से गायब 13 वर्षीय रोशनी अबतक नहीं मिली है. जमशेदपुर पुलिस के लिए रोशनी एक पहेली बन गयी है, जिसका हल जमशेदपुर पुलिस के पास शायद नहीं है.विज्ञापन
कदमा से लापता 13 वर्षीय रोशनी
आखिर जमशेदपुर पुलिस के जांबाज अधिकारी और जवान किस काम के.. तकनीक और तामझाम क्यों ? झारखंड पुलिस हाईटेक होने का दंभ भरती है. ऐसे हाईटेक पुलिस का क्या काम जब आपके जांबाज अधिकारी 18 दिनों से लापता एक बच्ची को ढूंढ पाने में नाकाम है. इधर बच्ची की सकुशल बरामदगी को लेकर परिजन और सामाजिक संगठन हर अधिकारियों के चौखट पर फरियाद लगा चुके हैं. शुक्रवार को कोल्हान मानवाधिकार संगठन द्वारा पुनः कदमा थाना पुलिस को ज्ञापन देकर बच्ची के सकुशल बरामदगी की मांग की है.
कदमा थाने में मांग पत्र सौंपते मानवाधिकार संगठन के सदस्य
उधर पड़ोसी जिला सरायकेला का भी यही हाल है. वहां भी पिछले 9 दिनों से कांड्रा के कपड़ा कारोबारी देबू अग्रवाल का 29 वर्षीय पुत्र मनीष अग्रवाल लापता है हाईटेक पुलिस अब तक मनीष का सुराग लगा पाने में नाकाम रही है.
कांड्रा से गायब व्यवसाई पुत्र मनीष अग्रवाल
वहीं आक्रोशित परिवार वालों के साथ कांड्रा के लोगों ने पूरा कांड्रा बाजार बंद करवा थाने का घेराव कर दिया और धरने पर बैठ गए. कुल मिलाकर दोनों जिलों की घटनाओं से एक बात तो साफ हो गया है, कि राज्य पुलिस अभी भी तकनीक के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में काफी पीछे है. जरूरत है पुलिस विभाग को आत्ममंथन करने की.
कांड्रा थाने पर धरने पर बैठे परिजन और क्षेत्र के लोग
प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाती कांड्रा पुलिस