चाईबासा: झारखंड सरकार ने कृषि उत्पादित अंशों पर 2% अतिरिक्त मंडी कर का प्रावधान किया है. इसको लेकर राज्य भर के व्यापारी आंदोलित हैं. वैसे सरकार की सहयोगी दल कांग्रेस और राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कांग्रेस से हैं. मगर कांग्रेस ने कृषि बिल को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है.
गुरुवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने झारखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक पर झारखंड सरकार से व्यापारियों के हित में एवं जनता पर अनावश्यक महंगाई की मार ना हो इसके लिए पुनर्विचार करने की मांग की है. कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा जिला कांग्रेस कमेटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के जायज मांगों के साथ है. कांग्रेसियों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि माननीय राज्यपाल ने विधेयक को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी है, यानी राज्यपाल को भी इस बिल पर संशय है. पूरे झारखंड में खाद्यान्न, आलू ,प्याज, फल, सब्जी का कारोबार ठप हो रहा है. राज्य के 24 जिलों में 28 खाद्यान्न मंडियों की थोक दुकाने बंद है. इसका सीधा असर राज्य की जनता के ऊपर पड़ेगा. महंगाई बढ़ेगी, जमाखोरी बढ़ेगी. 4- 5 दिनो के बाद राज्य में खाद्यान्न फल और सब्जी की कमी महसूस की जाएगी. ऐसे में जिला कांग्रेस कमेटी राज्य सरकार से मांग करती है कि जब GST लिया जा रहा है तो अतिरिक्त 2% कर लगाने का कोई तर्क नहीं दिखता. एडिशनल टैक्स से महंगाई बढ़ेगी और अंततः राज्य के लोगों को नुकसान होगा. औद्योगिक प्रतिष्ठान तो हतोत्साहित होंगे ही, जो चावल दाल के मिल हैं और जो बड़े कारोबारी है वह राज्य छोड़ सकते हैं. झारखंड के अंदर कारोबारी माहौल बिगड़ेगा. ऐसे में कांग्रेस हेमंत सोरेन सरकार से मांग करती है कि जो अतिरिक्त 2% टैक्स लगाया गया है उसे व्यापक जनहित में वापस लिया जाए, ताकि झारखंड के व्यापारियों और यहां के निवासियों को राहत मिले.
प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में कांग्रेस जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर दास, सांसद प्रतिनिधि त्रिशानु राय, जितेंद्र नाथ ओझा, राकेश कुमार सिंह, ओबीसी प्रकोष्ठ के वरीय उपाध्यक्ष रंजीत यादव, वरीय कांग्रेसी रविंद्र बिरुवा, संतोष सिन्हा, सुशील कुमार दास, राजू कारवा आदि शामिल थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur