भारत रत्न और पद्म विभूषण से सम्मानित, स्वर कोकिला के नाम से पहचानी जाने वाले दिग्गज गायिका लता मंगेशकर जिंदगी की जंग हार गईं. 92 साल की लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं. 8 जनवरी को लता मंगेशकर कोरोना वायरस पॉजिटिव पायी गयी थी. जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दुनियाभर में मौजूद उनके प्रशंसक लता दीदी के जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना और दुआएं कर रहे थे.
वह आईसीयू में थीं और उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था. तकरीबन एक महीने तक अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ने के बाद लता मंगेशकर हार गईं. इस मनहूस खबर के आते ही बॉलीवुड के सितारे ही नहीं, बल्कि हर कोई स्तब्ध रहा गया. सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो चुका है. कई जगह से तस्वीरें भी सामने आ रही हैं जहां फैंस इस खबर को सुनने के बाद अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं.
28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां पैदा हुईं लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दी. लता ने अपनी आवाज और अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल कर ली थी. एक समय था जब शायद ही कोई फिल्म हो जिसमें लता मंगेशकर का गाना न शामिल होता हो. लता मंगेशकर जब 13 साल की थीं तो उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था. इसके बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी. 13 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म ‘पहिली मंगलागौर’ से डेब्यू किया था. लता मंगेशकर की पहली कमाई 25 रुपए थी. उन्होंने 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए गाना गाया था. 18 साल की उम्र में मास्टर गुलाम हैदर ने फिल्म मजबूर के गीत ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ में मुकेश के साथ गाने का मौका दिया था.