राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय -जमशेदपुर के तत्वावधान में सरायकेला प्रखंड के अंतर्गत केन्दुआ के उच्च विद्यालय प्रांगण में “मनरेगा श्रमिकों का आयोजित द्विदिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हो गई।
शिविर मैं मुख्य रूप से उपस्थित बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि मनरेगा कोई योजना नहीं बल्कि एक अधिनियम है जिसे केन्द्र सरकार द्वारा 2005 में लागू किया गया है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को पंचायतों के माध्यम साल में 100 दिन काम देने का प्रावधान है। मजदूर काम के लिए आवेदन अपने पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक को दे सकते हैं।आवेदन देने के 15 दिन के अंदर काम नहीं मिलने पर आवेदक को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है।अभी मनरेगा श्रमिकों को 289 रुपये मजदूरी देने का प्रावधान है । जिसे समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा मंहगाई के अनुसार संशोधित करती है।
श्री गोप ने मनरेगा श्रमिकों को 26 अगस्त,2021 को केन्द्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री द्वारा प्रारंभ किए ई-श्रम पोर्टल के अन्तर्गत असंगठित श्रमिकों का डाटा बेस में निबन्धन कर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्राप्त करने हेतु प्रज्ञा केन्द्र/सी एस पी या ऑनलाइन निबन्धन करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया ताकि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा तथा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भविष्य में मिल सके। वहीं सासद प्रतिनिधि जगत किशोर प्रधान ने कहा कि जागरूकता के बिना श्रम शक्ति का कल्याण नहीं किया जा सकता है। अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकारी कार्यक्रमों के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिसका खामियाजा ग्रामीणों को झेलना पड़ता है। तथा श्रमिकों का शोषण किया जाता है।
इस कार्यक्रम में केन्दुआ, गुड़ियाटांड़, सरमाली तथा डुंगरीडीह के 10 पुरुष तथा 70 महिला मनरेगा श्रमिकों ने भाग लिया। श्रमिकों को बोर्ड की ओर से डी बी टी योजना के तहत उनके बैंक खाते में 500/-भत्ता प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक हेमसागर प्रधान ने किया । उन्होंने मनरेगा का जॉब कार्ड बनाने के तरीके, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा जीवन ज्योति बीमा योजना,कौशल विकास योजना के बारे में प्रतिभागियों को जरूरी जानकारी दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विकास कुमार प्रमाणिक, केंदुआ की वार्ड सदस्य भवानी महतो,आसडू सरदार, कुलेश्वर महतो, फटिक चंद्र मण्डल, आदि का सराहनीय योगदान रहा।
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