तिरुलडीह: शुक्रवार को सरायकेला जिले के दोनों अनुमंडल अधिकारी जिला खनन पदाधिकारी वन विभाग के रेंजर और आदित्यपुर व कपाली के थानेदारों ने पूरे तामझाम से बालू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने निकले. सुबह सरायकेला जिला मुख्यालय के समीप से दो ट्रैक्टरों को अवैध बालू परिचालन करते जप्त भी किया, दो चालकों को हिरासत में भी लिया है.
सरायकेला थाने में जप्त बालू का ट्रैक्टर
गिरफ्त में आए ट्रैक्टर चालक
वहीं सांपडा घाट पर दबिश देकर बालू माफियाओं को स्पष्ट संकेत भी दिया है कि किसी कीमत पर अवैध बालू खनन करते पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सांपडा घाट में छापेमारी करते जिला प्रशासन और खनन विभाग की टीम
मगर पांच घंटे बाद ही चांडिल अनुमंडल के तिरुलडीह थाना क्षेत्र से जो तस्वीरें आयीं हैं, उसे देखकर आपको सहज अंदाजा लग जाएगा, कि प्रशासन की कथनी और करनी में कितना फर्क है. बालू माफियाओं की धाक देख आप भी हैरान हो जाएंगे
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दरअसल इन दिनों झारखंड से बंगाल तक अबैध बालू का कारोबार भारी मात्रा में हो रहा है. स्वर्णरेखा नदी के तिरुलडीह, सापारुम, पैलोंग घाट से भारी मात्रा में रोजाना हाइवा से पश्चिम बंगाल के बाघमुंडी, बलरामपुर ,पुरूलिया सहित बंगाल के कई जगहो के बालू कारोबारी रात के अंधेरे में बालू ले जाते है. तिरुलडीह -बलरामपुर मुख्य सड़क में रात भर आपको बालू लदे तेज हाइवा देखने को मिलेगी जो पूरी रात बालू का अवैध तरीके से उठाव करते हैं. सूचना तो ये भी है, कि कुछ बालू कारोबारी बंगाल का चालान झलकाकर झारखंड से बालू ले जाते है. वहीं दिन के उजाले में ढोल पीटकर प्रशासन की कार्रवाई में बालू माफ़िया तो नहीं दिखे मगर उनके उपस्थित का सुराग जरूर मिला, जिससे अवैध बालू खनन से इंकार नहीं किया जा सकता, मगर तिरुलडीह इलाके में रात भर बालू का अवैध कारोबार चलने के बाद भी विभाग व प्रशासन मौन है. आखिर क्यों ! खुलेआम अवैध बालू का कारोबार किसके संरक्षण में हो रहा है ये जांच का विषय है.