सरायकेला: कोल्हान आदिवासी एकता मंच ने खतियानी आंदोलनकारी जयराम महतो के एक जनवरी को खरसावां में आयोजित होनेवाले शहीद दिवस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति देने पर रोक लगाने की मांग करते हुए जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा है.
इसके माध्यम से मंच ने उपायुक्त का ध्यानाकृष्ट कराते हुए लिखा है कि झारखंड में इन दिनों कुड़मी समुदाय द्वारा कुड़मी/ महतो को आदिवासी बनने और बनाने को लेकर आंदोलन/ महजुटान के साथ राज्य में गुप्त रूप से अनैतिक गतिविधियां चलाई जा रही है, जिससे कोल्हान के आदिवासियों और मूलनिवासियों में काफी आक्रोश सहित टकराहट की संभावना बनी हुई है.
खरसावा शहीद स्थल में शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित करने के लिए आदिवासी समुदाय अपने पूर्वजों / शहीदों को (कटब तुरुब) श्रद्धा भाव और पारंपरिक हथियारों से शहर शामिल होते आ रहे हैं. ज्ञात हो कि छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम 1906 तथा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 पर जनभावना के विरुद्ध संशोधन किए जाने के प्रतिक्रिया स्वरूप शहीद स्थल पर 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को काला झंडा दिखाते हुए उन पर चप्पल- जूता कांड जैसी घटना घट चुकी है.
चूंकि कुड़मी महतो द्वारा आदिवासी ऐतिहासिक तत्वों से छेड़छाड़ कर अमर शहीदों एवं महापुरुषों का कुड़मी समुदाय में नामकरण करते हुए आदिवासी बनने की गलत मंशा पाल रहे है, जिसमें मुख्य सूत्रधार के रूप में जयराम महतो अग्रणी भूमिका निभा रहे है. जिसके कारण आदिवासी समुदाय काफी आहत है और इसलिए 2017 में हुए घटना की पुनरावृति होने की आशंका जताई जा रही है. इसलिए ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो इसके मद्देनजर कोल्हान आदिवासी एकता संघ द्वारा सूचित करते हुए कहना है कि आगामी 1 जनवरी 2023 को जयराम महतो के श्रद्धांजलि सभा में शामिल होना और शहीद स्थल में श्रद्धांजलि के बाद सभा को संबोधित करना सुनिश्चित है.
ऐसे में उनकी गतिविधियों और सभा के संबोधन पर रोक लगाई जाए. अन्यथा किसी अप्रिय घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अतः खरसावा शहीदों के शांति पूर्ण और सफत श्रद्धांजलि सभा आयोजन हेतु प्रशासन की भूमिका प्रार्थनीय है.
Reporter for Industrial Area Adityapur