SARAIKELA सरायकेला- खरसावां जिले की सड़कों पर दुर्घटना होना व उसमें मौत होना सामान्य घटनाक्रम बनती जा रही है. शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन जिले की सड़कों पर दुर्घटनाएं न हो.
ज्यादातर दुर्घटनाएं ओवर स्पीड व शराब के कारण हो रहे हैं, और लोग काल के गाल में समा रहे हैं, जिससे घर- परिवार उजड़ रहा है. आंकडों पर यदि गौर करें तो, विगत एक वर्ष यानी जनवरी 2021 से फरवरी 2022 तक जिला में 215 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें 168 लोग काल के गाल में समा गये हैं और 123 लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं. हालांकि जिला ट्रैफिक पुलिस व सड़क सुरक्षा समिति द्वारा सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रयास किये जाते रहे हैं परंतु उनका प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है और आये दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. सबसे ज्यादा 19 मौतें पिछले जून महीने में हुई है.
सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए चिन्हित किये गये हैं ब्लैक स्पॉट
सड़क दुर्घटनाओं को रोकनेके लिए जिले में 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये हैं. चिन्हित स्थलों में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है, जिसके कारण सड़क सुरक्षा समिति द्वारा उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है.
क्या कहते हैं डीटीओ
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने बताया, कि सड़क दुर्घनाओं में अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जाता रहा है. ब्लैक स्पॉट में जहां साईन बोर्ड लगा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, वहीं सड़क पर ड्रम लगा कर व ब्रेकर लगाया गया है, ताकि वाहनों की स्पीड कम हो व सड़क दुर्घनाएं कम हो ताकि जान माल की क्षति नही हो. सड़क सुरक्षा को लेकर सड़क सुरक्षा समिति व जिला पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जाता रहा है. साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कारवाई किया जाता है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लग सके.
खडे वाहनों ठोकर से हुयी है सबसे अधीक मौतें
सरायकेला- कांड्रा, टाटा- कांड्रा, चौका- कांड्रा, चाईबासा- राजनगर- हाता मार्ग में कई सड़क दुर्घटनाओं में मौत ख़ड़ी वाहनों के पीछे बाईक या स्कूटी टकराने से हुए हैं. सरायकेला- कांड्रा सड़क पर विगत एक माह के आंकड़े पर गौर करें तो अधिकांश सडक दुर्घटनाओं में मौत खड़ी ट्रक या हाइवा में टकराने से ही हुयी है.
14 महीने में खड़े ट्रक से टकराने 95 लोगों की मौत हुई है