सरायकेला (Pramod Singh) टेट पास पारा शिक्षकों के सीधे समायोजन के मुद्दे पर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ विद्रोह के लिए टेट पास पारा शिक्षक संघ ने कमर कस लिया है. आगामी रविवार दिनांक 28 अगस्त को राज्य भर के टेट पास पारा शिक्षक सीधे समायोजन की मांग को लेकर राजधानी रांची स्थित पुराना विधानसभा मैदान में जुटेंगे और वहां से तिरंगे झंडे के साथ न्याय मार्च करते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के डोरंडा स्थित आवास पर पहुंच कर न्याय की गुहार लगाएंगे. इस कार्यक्रम में जिले के सभी टेट पास पारा शिक्षक भी शामिल होंगे.
गुरुवार को इस संदर्भ में एक प्रेसवार्ता के दौरान संघ के जिलाध्यक्ष बादल सरदार ने कहा कि हमने न्याय मार्च के लिए पूरी तैयारी कर ली है. याचना का समय बीत चुका है. अब हक और अधिकार के लिए ऊंगली टेढ़ी करने का वक्त आ चुका है. महाधिवक्ता राज्य सरकार का विधिक सलाहकार होता है. और जब महाधिवक्ता ने स्पष्ट लिखित राय दे दी थी कि टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान देते हुए समायोजित किया जा सकता है. ऐसे में उनकी राय को दरकिनार कर हमें वेतनमान और समायोजन से वंचित रखना यह दर्शाता है कि हेमंत सरकार यहां के आदिवासी और मूलवासी युवाओं का भला नहीं चाहती है. क्योंकि पारा शिक्षक विशुद्ध झारखण्डी हैं. ऐसा भी नहीं है कि हम नौकरी खैरात में मांग रहे हैं. हम एनसीटीई और एनइपी के सभी मानकों को पूर्ण करते हुए सरकारी शिक्षक बनने की दावेदारी रखते हैं. साथ ही हमें महाधिवक्ता का एनओसी भी हासिल है. हमने एक हद तक राज्य सरकार से विनती कर अपना हक मांगा. लेकिन सरकार बहरी होकर अनसुनी करती आई है अबतक. इसलिए हमने विद्रोह का फैसला किया है. अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हम रविवार 28 अगस्त को तिरंगे झंडे के साथ राजधानी में शांतिपूर्ण ढंग से न्याय मार्च करेंगे. इसके बाद भी अगर सरकार नहीं सुनती है तो इस सरकार को भी पारा शिक्षकों का रौद्र रूप देखने को मिलेगा. इसे भी आगे मोरहाबादी पार्ट टू का मंज़र दिखाएंगे.
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