SARAIKELA सूबे के सरकारी स्कूलों में कार्यरत टेट विसंगति से पीड़ित सहायक अध्यापकों को टेट पास की मान्यता नहीं दिए जाने के सरकारी फरमान के विरुद्ध संगठन ने मोर्चा खोल दिया है. पीड़ित अध्यापकों में वैसे अध्यापक आते हैं जो प्राइमरी या अपर प्राइमरी सेक्शन में नियुक्त हुए थे किंतु अपनी नियुक्ति की कैटेगरी में टेट पास न कर, अलग कैटेगरी में उत्तीर्ण हुए हैं.
इस संदर्भ में शुक्रवार को टेट सफल सहायक अध्यापक संघ झारखण्ड प्रदेश के प्रदेश वार्ताकार कमिटी सदस्य सह मीडिया प्रभारी कुणाल दास ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सेवा शर्त नियमावली लागू होने के पूर्व हुई अंतिम वार्ता के दौरान भी सरकार की ओर से टेट विसंगति का निदान कर सभी विसंगति पीड़ित सहायक अध्यापकों को टेट पास कैटेगरी के मानदेय का लाभ देने की बात कही गई थी. अंततः नियमावली की अधिसूचना में इस संबंध में कोई जिक्र नहीं है. इसके बाद भी लगातार शिक्षा मंत्री और परियोजना निदेशक का मामले पर सकारात्मक रुख दिखा. हम आशान्वित थे कि उक्त पीड़ित तमाम सहायक अध्यापक भले किसी भी कैटेगरी में नियुक्त हों लेकिन सभी को सरकार निचले प्राइमरी कैटेगरी का टेट पास मानदेय लाभ तो दे ही सकती है. चूंकि वे प्राइमरी सेक्शन की संपूर्ण अहर्ता रखते हैं इस लिहाज से यह अधिक जटिल मुद्दा नहीं था. किंतु अचानक से आशा के विपरीत विसंगति पीड़ित अध्यापकों को टेट कैटेगरी के मानदेय से वंचित रखने के सरकारी फरमान से तमाम टेट सफल सहायक अध्यापकों में आक्रोश व्याप्त है. आगे उन्होंने कहा कि अब सरकार की वादाखिलाफी से पानी सर से ऊपर आ रहा है. पूरे मामले पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष से दूरभाष पर बातचीत हो चुकी है. संघ ने मामले को गंभीरता से लिया है. अगले एक हफ्ते के भीतर शिक्षा मंत्री सहित राज्य परियोजना कार्यालय को वादे के मुताबिक टेट विसंगति दूर करते हुए पत्र जारी करने का अल्टीमेटम दिया जाएगा. अन्यथा की स्थिति में अल्टीमेटम की तारीख समाप्त होने के दिन ही राज्य भर के टेट सफल सहायक अध्यापक जोरदार तरीके से परियोजना कार्यालय का घेराव करेंगे.